आनंद एल राय निर्माता के रूप में शायद ‘तनु वेड्स मनु’ से आगे कुछ चाह रहे थे। इस बार उन्होंने निर्देशन की बागडोर आर एस प्रसन्ना के हाथों में दे दी। फिल्म के कई संवादों पर खूब तालियां बजीं, ठहाके भी लगे। बालकनी में बैठने वाले शायद सीटी न बजा पाएं पर जो लोग ड्रेस सर्किल में बैठते हैं उनके लिए उसकी पूरी छूट है। इसका सिर्फ इतना सा कारण है कि फिल्म पहली बार सेक्स करने में अक्षम पुरुष पर खुल कर बात करती है।
अगर किसी को लग रहा हो कि स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित फिल्म टॉयलेट : एक प्रेम कथा से सिर्फ भारत के लोगों का ही जुड़ाव होगा तो जानकारी के लिए बता दें कि और फिल्मों की तरह ये भी वर्ल्ड वाइड रीलिज होगी। 11 अगस्त यानी कल फिल्म के नायक अक्षय कुमार अपनी नायिका भूमि पेडनेकर के लिए टॉयलेट बनवा कर ही दम लेंगे।