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उत्तराखंड हाईकोर्ट में बागी कांग्रेसी विधायकों की याचिका खारिज

उत्तराखंड हाईकोर्ट में बागी कांग्रेसी विधायकों की याचिका खारिज

उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को आज उस समय एक बडी राहत मिली जब नैनीताल स्थित उच्च न्यायालय ने सरकार के खिलाफ बागी हुए नौ कांग्रेस विधायकों की एक याचिका खारिज कर दी। बागी विधायकों ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष के उन्हें सदन की सदस्यता के अयोज्ञ घोषित करने के संबंध में जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।
भाजपा ने पांच और कांग्रेस-पीडीएफ विधायकों के समर्थन का दावा किया

भाजपा ने पांच और कांग्रेस-पीडीएफ विधायकों के समर्थन का दावा किया

उत्तराखंड विधानसभा में 28 मार्च को हरीश रावत सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले मुख्य विपक्षी भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि सत्ताधारी कांग्रेस और सरकार में शामिल प्रगतिशील लोकतांत्रिाक मोर्चा पीडीएफ के कम से कम पांच और विधायक पाला बदलकर उसकी तरफ आने को तैयार है।
कांग्रेस ने अपने बचे विधायकों को अज्ञात जगह भेजा

कांग्रेस ने अपने बचे विधायकों को अज्ञात जगह भेजा

उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पर आए संकट को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच अपने बचे विधायकों को किसी भी संभावित टूट से बचाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें अज्ञात स्थान पर भेज दिया है। वैसे कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्हें रामनगर भेजा गया है।
आया राम, गया राम के दुर्भाग्य की छाया

आया राम, गया राम के दुर्भाग्य की छाया

लगता है आया-राम, गया-राम की सरकारों के दुर्भाग्य की छाया उत्तराखंण्ड पर भी पड़ गई है। राज्य विधानसभा के बजट सत्र में उत्तराखंड के नौ कांग्रेसी विधायक अचानक बागी होकर सदन के भीतर और बाहर भाजपा विधायकों के साथ मिलकर उत्तराखंड में वैकल्पिक सरकार बनाने का दावा करने लगे।
उत्तराखंड: हरक रावत बर्खास्त, बागी विधायक गुड़गांव में

उत्तराखंड: हरक रावत बर्खास्त, बागी विधायक गुड़गांव में

राजनीतिक संकट का सामना कर रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को आज उस समय बड़ी राहत मिली जब राज्यपाल कृष्णकांत पाल ने उन्हें 28 मार्च तक विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करने को कहा।
हरीश रावत को 28 मार्च तक साबित करना होगा बहुमत

हरीश रावत को 28 मार्च तक साबित करना होगा बहुमत

उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल द्वारा हरीश रावत को बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का समय दिए जाने के बाद कांग्रेस सरकार पर पैदा हुए संकट का समाधान तलाशने में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जोर-शोर से जुट गया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के असंतुष्ट नौ विधायकों का नेतृत्व कर रहे हरक सिंह रावत और विजय बहुगुणा को साधने की हर संभव कोशिश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार बहुगुणा को मनाने की जिम्मेदारी उनकी बहन रीता बहुगुणा को सौंपी गई है।
उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार खतरे में!

उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार खतरे में!

देश के कई राज्यों में पहले ही अपनी सरकार गंवा चुकी कांग्रेस पार्टी के लिए शुक्रवार को बेचैन करने वाली खबर उत्तराखंड से आ रही है। राज्य के 36 कांग्रेस विधायकों में से 9 ने खुलेआम पार्टी से बगावत कर दी है और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला दिया है।
इंदिरा अम्मा के नाम पर हर पेट के लिए दाना-पानी- हरीश रावत

इंदिरा अम्मा के नाम पर हर पेट के लिए दाना-पानी- हरीश रावत

फरवरी 2014 में उत्तराखंड के मुख्य‍मंत्री पद की कमान संभालने वाले हरीश रावत राज्य के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। लंबे समय के राजनीतिक जीवन में रावत ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद माना जा रहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो रावत को कमान मिल सकती है। लेकिन सियासी कारणों सेे रावत को देर से राज्य की कमान मिली। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जब सरकार बनी तो विजय बहुगुणा को मुख्य‍मंत्री पद दिया गया। उस समय रावत केंद्र सरकार में मंत्री थे। विजय बहुगुणा को बीच कार्यकाल से ही हटाकर हरीश रावत को राज्य की कमान दी गई। दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हरीश रावत से विभिन्न मुद्दों पर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने देहरादून के बीजापुर गेस्ट हाउस में विस्तार से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
इंदिरा अम्मा भोजन का और होगा विस्तार- हरीश रावत

इंदिरा अम्मा भोजन का और होगा विस्तार- हरीश रावत

उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए शुरु की गई योजना इंदिरा अम्मा भोजन का और विस्तार करेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आउटलुक से विशेष बातचीत में कहा कि इस योजना से जहां लोगों को पौष्टिक और सस्ता भोजन सुलभ हो रहा हैं वहीं महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिल रहा है।
अरुणाचल के राजनीतिक संकट का मसला संविधान पीठ को

अरुणाचल के राजनीतिक संकट का मसला संविधान पीठ को

उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संघर्ष के संदर्भ में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के कुछ आदेशों से संबंधित याचिकाओं को आज संविधान पीठ को सौंप दिया। न्यायमूर्ति जे.एस. खेहड़ और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की पीठ ने कहा कि यह मामला राज्यपाल, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अधिकारों के सांविधानिक प्रावधानों से संबंधित है। इसलिए इस पर वृहद पीठ द्वारा विचार की आवश्यकता है।
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