नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) आज श्रीनगर में अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से पूछताछ करेगी। इन नेताओं पर आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के मुखिया हाफिज सईद से पैसे लेने और कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने का आरोप है।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वार्ता प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए पाकिस्तान के साथ ही अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराया जिन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए। उन्होंने कहा कि घाटी में अशांति के लिए तैयारियां पहले से ही कर ली गई थीं।
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों (डब्ल्यूपीआर) को पहचान प्रमाण पत्र जारी किए जाने के विरोध में अलगाववादियों द्वारा आयोजित हड़ताल के कारण कश्मीर घाटी के सामान्य कामकाज पर प्रभाव पड़ रहा है। यहां जनजीवन अस्त व्यस्त है।
केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा अपनी निजी पहल के तहत कश्मीर समस्या पर हुर्रियत नेताओं से मुलाकात की है। सूत्रों ने इन ख़बरों को निराधार बताया कि सरकार की पहल पर सिन्हा के नेतृत्व में एक दल हुर्रियत नेताओं से जम्मू-कश्मीर में बात कर रहा है। सरकार ने कहा कि सिन्हा अपनी पहल पर ही कश्मीर गए हैं।
अशांत कश्मीर आज लगातार तीसरे दिन भी कर्फ्यू मुक्त रहा। धीर धीरे घाटी की स्थिति सामान्य हो रही है। सुरक्षा बलों ने शहर और राज्य के अन्य स्थानों में अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन की योजना को नाकाम कर दिया है।
करीब 100 दिन से कश्मीर में हो रहे बंद से अलगाववादियों के खिलाफ सूबे के टैक्सी आपरेटर भड़कने लगे हैंं। आपरेटर अलगावादियों के खिलाफ दो बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। फिलहाल अलगाववादी और उनके समर्थक आपरेटरों को नुकसान की भरपाई का भरोसा देकर शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच हिंसक झड़पों में भारी कमी से घाटी में जल्द ही जन-जीवन सामान्य होने की उम्मीद बढ़ गई है।
आतंकियों और अलगाववादियों की धमकी को धता बताते हुए पूरे कश्मीर से हजारों युवाओं ने विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के 10,000 पदों के लिए आवेदन दिए हैं। कश्मीर में जारी अशांति में अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है।
कश्मीर घाटी के हंदवाडा में आज फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है जबकि श्रीनगर के तीन पुलिस थाना क्षेत्रों में अभी भी प्रतिबंध जारी है। हिंसा और झड़पों के बाद कर्फ्यू और प्रतिबंधों की वजह से कश्मीर घाटी में आज लगातार 78वें दिन भी आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित रहा।