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जुर्माना भरने से श्रीश्री का इनकार, समारोह की तैयारियां पूरी

जुर्माना भरने से श्रीश्री का इनकार, समारोह की तैयारियां पूरी

श्रीश्री रविशंकर की संस्था की ओर से 11 मार्च से आयोजित होने वाला विश्व सांस्कृतिक समारोह भले ही विवादों के केंद्र में आ गया हो लेकिन यमुना नदी के डूब क्षेत्र में इस भव्य कार्यक्रम के लिए मंच पूरी तरह सज चुका है। इस बीच रविशंकर ने ट्वीट कर कहा है कि राष्टीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से लगाए गए पांच करोड़ रुपये का जुर्माना वह अदा नहीं करेंगे चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े।
श्री श्री के संस्कृति महोत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

श्री श्री के संस्कृति महोत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा शुक्रवार से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव के आयोजन को लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते कुछ विवाद उत्पन्न होने के बाद अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
न्यूयार्क के ग्राउंड जीरो पर बना दुनिया का सबसे महंगा ट्रेन स्टेशन

न्यूयार्क के ग्राउंड जीरो पर बना दुनिया का सबसे महंगा ट्रेन स्टेशन

न्यूयार्क में आज दुनिया का सबसे महंगा ट्रेन स्टेशन खुलने वाला है। यह ट्रेन स्टेशन उसी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के स्थान पर बना है, जो 14 साल पहले हुए 9/11 हमलों में नष्ट हो गया था।
आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम पर 120 करोड़ जुर्माने की सिफारिश

आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम पर 120 करोड़ जुर्माने की सिफारिश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से नियुक्त समिति ने यमुना के किनारे आगामी कार्यक्रम से होने वाले संभावित नुकसान के लिए श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने 11 से 13 मार्च तक यमुना किनार कार्यक्रम करने की योजना बनाई है।
‘पंजाब में कैंसर के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी कांग्रेस’

‘पंजाब में कैंसर के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी कांग्रेस’

विश्व कैंसर दिन के मौके पर पंजाब कांग्रेस की कमान संभाल रहे और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो पंजाब के लोगों को बेहतर स्वाथ्य सुविधाएं देगी।
निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

जिसका मन करता है, वह चार कुर्सी-टेबल लगा कर कोचिंग सेंटर खोल लेता है क्योंकि हमारे देश में स्कूल खोलना मुश्किल काम है। स्कूल खोलने के लिए कई औपचारिकताएं होती हैं, जिसे हर कोई पूरा नहीं कर सकता है लेकिन निजी कोचिंग सेंटर के लिए कुछ नहीं करना होता। इसके लिए देश में कोई रेगुलेटरी बोर्ड नहीं। कोचिंग सेंटर्स शिक्षा का रैकेट और संगठित माफिया है। इनके बड़े-बड़े होर्डिंग्स, विज्ञापन छात्रों को आकर्षित करते हैं। शिक्षकों को लगता है कि स्कूल या कॉलेज में क्यों पढ़ाना? वे स्कूल-कॉलेज में वे ट्रिक्स नहीं देते जो कोचिंग सेंटर में देते हैं। कोई नहीं जानता कि देश में कितने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं, ये सालाना कितने करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं।
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

यह लेखिका की पहली किताब है और इस किताब से पहले इसका शीर्षक पास खींचता है। यह भले ही पहली किताब हो लेकिन कहीं कोई कच्चापन नहीं है। अनुभव के की आंच पर पकी यह पुस्तक पठनीय है।
धीरूभाई अंबानी, रजनीकांत, अनुपम खेर को पद्म सम्मान

धीरूभाई अंबानी, रजनीकांत, अनुपम खेर को पद्म सम्मान

देश की विभिन्न हस्तियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा हो गई है। दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत, रिलायंस समूह के संस्थापक दिवंगत धीरूभाई अंबानी, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और मीडिया कारोबारी रामोजी राव को देश के दूसरे सबसे उंचे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए चुना गया है।
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