टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी के अपने घर में मृत पाए जाने के दो दिन बाद आज उनके बाॅयफ्रेंड राहुल राज सिंह को पुलिस की पूछताछ के दौरान सांस लेने में दिक्कत होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रत्यूषा की कथित खुदकुशी के मामले में पुलिस उससे दूसरे दिन पूछताछ कर रही थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 77 कॉलेजों में से 22 से ज्यादा कॉलेज बिना किसी स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं। इससे नाराज विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने नियुक्ति की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने की मांग की है।
श्रीश्री रविशंकर की संस्था की ओर से 11 मार्च से आयोजित होने वाला विश्व सांस्कृतिक समारोह भले ही विवादों के केंद्र में आ गया हो लेकिन यमुना नदी के डूब क्षेत्र में इस भव्य कार्यक्रम के लिए मंच पूरी तरह सज चुका है। इस बीच रविशंकर ने ट्वीट कर कहा है कि राष्टीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से लगाए गए पांच करोड़ रुपये का जुर्माना वह अदा नहीं करेंगे चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े।
यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा शुक्रवार से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव के आयोजन को लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते कुछ विवाद उत्पन्न होने के बाद अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से नियुक्त समिति ने यमुना के किनारे आगामी कार्यक्रम से होने वाले संभावित नुकसान के लिए श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने 11 से 13 मार्च तक यमुना किनार कार्यक्रम करने की योजना बनाई है।
यह लेखिका की पहली किताब है और इस किताब से पहले इसका शीर्षक पास खींचता है। यह भले ही पहली किताब हो लेकिन कहीं कोई कच्चापन नहीं है। अनुभव के की आंच पर पकी यह पुस्तक पठनीय है।
देश की विभिन्न हस्तियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा हो गई है। दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत, रिलायंस समूह के संस्थापक दिवंगत धीरूभाई अंबानी, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और मीडिया कारोबारी रामोजी राव को देश के दूसरे सबसे उंचे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए चुना गया है।
कृष्ण और राधा के मिलन, विरह, प्रेम और उपासना को मशहूर कथक नृत्यांगना गौरी दिवाकर ने कथक के जरिये खूबसूरती से पेश किया। इस प्रस्तुती की खास बात यह थी कि यह नृत्य सूफी कवियों की रचनाओं पर किया गया।