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Search Result : "विश्‍व आर्थिक मंच"

विश्व बैंक ने बजाई घंटी

विश्व बैंक ने बजाई घंटी

अपने घर में शेर बनकर रहने का दावा किया जा सकता है, लेकिन दुनिया के सामने शक्ति प्रदर्शन किए बिना कोई शेर नहीं मानेगा। भारत की आर्थिक स्थिति इस समय उसी तरह है। सरकार विकास दर के आंकड़ों और मेक इन इंडिया के नारे के साथ विभिन्न संपन्न देशों को आमंत्रित कर रही है। लेकिन विश्व बैंक की एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत में बिजनेस करने की स्थितियां खराब हैं और कई अन्य देशों के मुकाबले हम रैंकिंग में पिछड़ गए हैं।
लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता के मामले में पिछले साल की तुलना में 21 स्थानों की बढ़त हासिल करने के बावजूद भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है। भारत को मिली बढ़त मुख्यत: शिक्षा में हुई प्रगति के कारण है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है।
'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

विश्‍व बैंक की रिपोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार के विकास के दावों पर गहरी चोट पहुंचाई है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि भारत कारोबार करने में आसान देशों की रैकिंग में 130 वें पायदान पर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कारोबार करना कितना कठिन है। पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में हालांकि एक पायदान का सुधार हुआ है, लेकिन वो भी इसलिए क्योंकि विश्‍व बैंक ने भारत की पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 130 वें स्थान से 131वें स्थान पर कर दिया। इसे मानने की बजाय केंद्र की मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी ज्यादा ताकतवर है: कृष्णा

सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी ज्यादा ताकतवर है: कृष्णा

रमन मैग्सायसे पुरस्कार विजेता टी एम कृष्णा ने कहा कि सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी अधिक ताकतवर है और अब बॉलीवुड में जो कुछ हो रहा है, वह इसी ताकत का दूसरा उदाहरण है। कृष्णा ने यह बातें आज कोवलम साहित्य उत्सव में एक कार्यक्रम में कुछ सवालों का जवाब देते हुए कही।
भारत, म्यामां सुरक्षा, आर्थिक संबंधों को गहरा बनाएंगे

भारत, म्यामां सुरक्षा, आर्थिक संबंधों को गहरा बनाएंगे

सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए भारत और म्यामां ने 1640 किलोमीटर लंबी सीमा की निगरानी करने समेत विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया, साथ ही दोनों पड़ोसी देशों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का वित्त पोषण करने या समर्थन करने वालों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
अच्‍छे दिन :  देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

अच्‍छे दिन : देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

देश में भले ही जोर-शोर से कहा जा रहा हो कि हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन विश्‍व मंंच में भारत की स्थिति कोई बेहतर नहीं कही जा सकती। वाशिंगटन ‌‌स्थित इंटरनेशनल फूड पालिसी रिसर्च इंस्टिच्यूट (आईएफपीआरआई) की एक रिपोर्ट में भारत भूखे देशों की सूची में शुुमार है।
दक्षेस में भारत के प्रभाव से घबराया पाक, चीन के साथ बनाना चाहता है नया गठजोड़

दक्षेस में भारत के प्रभाव से घबराया पाक, चीन के साथ बनाना चाहता है नया गठजोड़

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में भारत के दबदबे से सकते में आया पाकिस्तान अब इसकी काट तलाशने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पाकिस्तान चीन सहित ईरान और आस-पास के पश्चिम एशियाई गणराज्यों को शामिल कर एक वृहद दक्षिण एशियाई आर्थिक संगठन के निर्माण की संभावना तलाश रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में आज इसका खुलासा किया गया।
आर्थिक सुधार के साथ कई उपलब्धियां थीं राव की, पार्टी ने उन्हें नीचा दिखाया: बारू

आर्थिक सुधार के साथ कई उपलब्धियां थीं राव की, पार्टी ने उन्हें नीचा दिखाया: बारू

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रह चुके संजय बारू का मानना है कि कई बड़ी उपलब्धियों के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव को उनकी ही पार्टी ने नीचा दिखाया है।
व्यापार सुगमता से आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी : निर्मला

व्यापार सुगमता से आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी : निर्मला

सरकार ने आज कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग, पारदर्शी प्रक्रिया और व्यापार सुगमता से भारत को अगले एक-दो साल में 8.0 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने में मदद मिलेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि केंद्र इस संदर्भ में राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
कंपनियों के लिये भारत या चीन को छोड़कर कोई और जगह नहीं: श्रीलंका

कंपनियों के लिये भारत या चीन को छोड़कर कोई और जगह नहीं: श्रीलंका

श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आज कहा कि भारत और चीन ऐसे देश हैं जो पूरी दुनिया में आर्थिक वृद्धि को गति दे सकते हैं तथा विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों के लिये कहीं और जाने के लिये जगह नहीं है।
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