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स्‍वामी पर लगेगी लगाम, जेटली आज पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

स्‍वामी पर लगेगी लगाम, जेटली आज पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

वित्त मंत्री अरुण जेटली सुब्रमण्यम स्वामी के मसले को लेकर मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। स्‍वामी ने हाल ही में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन सहित अन्‍य आर्थिक विशेषज्ञों पर ऊंगलियां उठार्इ थी। उन्‍होेंने जेटली पर भी प्रहार किया था।
चीन दौरा संक्षिप्त कर जेटली भारत लौटे

चीन दौरा संक्षिप्त कर जेटली भारत लौटे

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने खुद पर और अपने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से किए गए कथित हमलों की पृष्ठभूमि में अपना चीन दौरा एक दिन घटाते हुए संक्षिप्त कर दिया और स्वदेश लौट आए।
कमलनाथ के बाद कांग्रेस की नई पंजाब प्रभारी आशा कुमारी पर भी उठा विवाद

कमलनाथ के बाद कांग्रेस की नई पंजाब प्रभारी आशा कुमारी पर भी उठा विवाद

कांग्रेस ने रविवार को पंजाब में कमलनाथ की जगह पार्टी सचिव आशा कुमारी को एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया लेकिन जमीन कब्जाने के एक मामले में उनके दोषी होने को लेकर विवाद शुरू हो गया। इससे पहले कमलनाथ ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों में कथित भूमिका को लेकर भाजपा, अकाली दल और आप के विरोध के बाद पिछले दिनों यह जिम्मेदारी छोड़ दी थी।
अब स्वामी ने किया शक्तिकान्त दास पर हमला, जेटली ने कहा गलत

अब स्वामी ने किया शक्तिकान्त दास पर हमला, जेटली ने कहा गलत

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास पर हमला बोला। जिस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अनुशासित सरकारी अधिकारी पर इस तरह के हमले को अनुचित व गलत बताया।
चर्चाः स्वामी की ‘भस्म’ शक्ति पार्टी पर भारी | आलोक मेहता

चर्चाः स्वामी की ‘भस्म’ शक्ति पार्टी पर भारी | आलोक मेहता

सुब्रह्मण्यम स्वामी राजनीति के नए खिलाड़ी नहीं हैं। उखाड़-पछाड़ का उनका रिकार्ड पुराना और प्रधानमंत्रियों-पार्टियों के लिए अग्निकुंड तैयार करने वाला रहा है। इसलिए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के साथ सरकार में बैठे 27 लोगों को ध्वस्त करने के उनके ऐलान पर आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
अब मोदी की पसंद अरविंद सुब्रह्मण्यम पर स्वामी ने किया वार

अब मोदी की पसंद अरविंद सुब्रह्मण्यम पर स्वामी ने किया वार

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को निशाने पर लेने के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अब केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम पर निशाना साधा है और उन्हें हटाने की मांग की है। स्वामी ने टि्वटर पर लिखा, ‘अमेरिकी कांग्रेस को 13 मार्च, 2013 को किसने कहा था कि अमेरिकी फार्मा उद्योग के हितों की रक्षा के लिए भारत के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। अरविंद सुब्रह्मण्यम ... वित्त मंत्रालय ... उन्हें हटाया जाए।’
एनआरआई अब आॅनलाइन खोल सकते हैं पेंशन बचत खाता

एनआरआई अब आॅनलाइन खोल सकते हैं पेंशन बचत खाता

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि प्रवासी भारतीय :एनआरआई: अब राष्‍ट्रीय पेंशन बचत खाता :एनपीएस: आॅनलाइन खोल सकते हैं, बशर्ते उनके पास आधार कार्ड या पैन कार्ड हो।
चर्चाः सिंहासन पर बैठ कांव कांव | आलोक मेहता

चर्चाः सिंहासन पर बैठ कांव कांव | आलोक मेहता

सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके कर्म-वचन जनता के हित के लिए होने चाहिए। सिंहासन पर बैठकर कांव कांव करना उन्हें शोभा नहीं देता। पेड़, शाखा, गांव, शहर और मंच पर छलांग लगाते हुए उन्हें अलग-अलग बातें नहीं करनी चाहिए।
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