बिहार के मधुबनी जिले में आज एक बस के सड़क किनारे स्थित तालाब में गिरने से कम से कम 10 यात्रियों की मौत हो गई। हादसे में और छह अन्य लोगों के मारे जाने की आशंका है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति जमीरद्दीन शाह ने कश्मीर के उरी में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले एक छात्र को आज विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया।
जम्मू कश्मीर के लोगों को समर्थन जारी रखने के पाकिस्तानी उच्चायुक्त के बयान को एक हारे हुए देश की हताशा करार देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में मानवाधिकारों का सबसे बड़ा गुनाहगार है जो पीओके में लोगों पर बेइंतहा जुल्म और अत्याचार कर रहा है।
दलितों पर हमले के मुद्दे की गर्माहट सोमवार को लोकसभा में महसूस की गई। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में बयान देने की मांग करते हुए न केवल अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की बल्कि बाद में वे सदन से वाकआउट भी कर गए। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मांग की कि भाषण देने की बजाय कार्रवाई करें।
गुड्स ऐंड सविर्सेज टैक्स (जीएसटी) को आजादी के बाद से कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। जीएसटी से सरकार को अहम फायदे होंगे। इससे मेक इन इंडिया प्रोग्राम को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही कई वस्तुओं पर उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मौजूदा कर ढांचे और लाल फीताशाही के कारण होने वाली देरी से कारोबार को पांच-10 फीसद नुकसान पहुंचता है, जिसकी भरपाई कारोबारी उपभोक्ताओं की जेब से करते हैं।
केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों के लिए अनाधिकारिक रूप से तय 75 वर्ष की आयु सीमा के कारण हाल ही में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली नजमा हेप्तुल्ला उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ना चाहती हैं। इस संबंध में अपनी इच्छा से उन्होंने भाजपा को भी अवगत करा दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तराखंड के अयोग्य ठहराए गए नौ विधायकों को अंतरिम राहत देने से मना कर दिया। इन विधायकों ने याचिका में अपनी अयोग्यता पर रोक लगाने और विधानसभा के सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मांगी है।
कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के लिए भाजपा ने कुछ नहींं किया। कश्मीर घाटी से भाग कर आए पंडित जम्मू में पिछले कुछ दिनों से राहत और पुनर्वास आयुक्त के दफ्तर पर धरना दे रहे हैं। धरने पर वो प्रशासन के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी विरोधी नारे भी लगा रहे हैं।
तीन साल पहले 16 जून की रात केदारनाथ में हुई भारी जल प्रलय के निशान अब मिटने लगे हैं। केदारनाथ मंदिर के पास शांत बह रही मंदाकिनी के नवनिर्मित किनारे श्रद़धालुओं में शायद यही संदेश दे रहे हैं, कि जख्म कितना भी घातक हो, वक्त सबसे बड़ा मरहम होता है। प्रलयंकारी उफान में 11,755 फुट की उंचाई पर स्थित हिमालयी धाम के डूबने के साथ ही देश भर से आये श्रद़धालु, पुजारी, व्यापारी और स्थानीय लोगों सहित करीब 5000 जिंदगियां बह गई थीं। रह गयी थी बस चीख और पुकार तथा अपनों का क्रंदन। उस मातमी माहौल को केदारनाथ की महिमा ने पीछे कर दिया है।