हिंदी फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने ऐ दिल है मुश्किल के अपने सह कलाकार अभिनेता रणबीर कपूर के लिए कहा कि वह अभिनेता के तौर पर लंबी पारी खेलेंगे और उनके जैसे युवा अभिनेता के लिए अपने करियर के शुरूआती सालों में ही इतनी अलग-अलग तरह की भूमिकाएं निभाना असामान्य है।
इस बार दर्शकों के सामने दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर आई हैं। दोनों चर्चित और बड़ी फिल्में हैं। लेकिन यदि दर्शकों जो भी फिल्म देख लें या तो वे कुएं में गिरेंगे या खाई में। अजय देवगन और करण जौहर दोनों ही ने अपनी कमजोर निर्देशकीय पारी खेली है।
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने कहा है कि पार्टी में जारी कलह के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने इस पूरे घमासान पर खुलकर अपनी बात रखी। यहां तक कि अपने भाई द्वारा यह आरोप लगाए जाने पर कि वह परिवारों को तोड़ने में माहिर हैं, उन्होंने कहा कि अमिताभ बच्चन या अंबानी बंधुओं से पूछ लो कि क्या मैंने उनके घरों में दरार डाली है?
अभिनेता-निर्देशक राहुल बोस का मानना है कि लोगों को लैंगिक नजरिए से फिल्में देखने की जरूरत है और यह विश्लेषण भी करना चाहिए कि बड़े पर्दे पर आ रही कहानियों में क्या पुरूषों और महिलाओं को समान महत्व दिया जाता है।
अभिनेता अजय देवगन का कहना है कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो फिल्म उद्योग एकजुट है लेकिन जब बीच में राजनीति घुस जाती है तो बॉलीवुड पूरी तरह भयभीत और कमजोर हो जाता है।
रमन मैग्सायसे पुरस्कार विजेता टी एम कृष्णा ने कहा कि सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी अधिक ताकतवर है और अब बॉलीवुड में जो कुछ हो रहा है, वह इसी ताकत का दूसरा उदाहरण है। कृष्णा ने यह बातें आज कोवलम साहित्य उत्सव में एक कार्यक्रम में कुछ सवालों का जवाब देते हुए कही।
जीवन के 74 वसंत पूरे करने वाले हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन ने आज कहा कि यह अपने देश के सैनिकों के साथ एकजुटता प्रकट करने का समय है जो सीमा पर आतंकी हमलों का सामना कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर नायाब तोहफा दिया है। सरकार ने मंगलवार को जयप्रकाश नारायण डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया है। इसमें खास बात यह है कि इस लाइब्रेरी में घुसते ही सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की आवाज में जेपी के साहित्य और समाजवाद की जानकारी मिलेगी।
अमिताभ बच्चन के बारे में अब क्या कहा जाए, समझ में नहीं आता। जैसे-जैसे वह उम्रदराज हो रहे हैं। उनमें एक नई आभा दिख रही है। शायद यह उनके अथक और अनवरत परिश्रम का नतीजा है। लिहाजा अगर हम कहें कि चलते रहने का नाम अमिताभ है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।