सरकार ने मंगलवार को माना कि नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (एनएसई) की 263 कंपनियों और बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज (बीएसई) की 2015 कंपनियों में एक भी महिला निदेशक नहीं हैं।
महाराष्ट्र पर्यावरण विभाग उद्योगों और उनके खतरनाक अपशिष्ट के निपटान की जल्द ही ऑनलाइन निगरानी शुरू करेगा जिसके आधार पर इन इकाइयों के लाइसेंस के नवीकरण का निर्णय लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित देशों की आलोचना करते हुए कहा है कि जलवायु परिवर्तन पर भारत को भाषण देने वाले देश स्वच्छ ऊर्जा के लिए उसे परमाणु ईंधन देने से इंकार कर देते हैं। हालांकि प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए देश की प्रतिबद्धता दोहराई।
विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने 10 शहरों में प्रदूषण स्तर की निगरानी करने के लिए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक की शुरुआत की। उन्होंने कहा, ‘प्रदूषण स्तर पर हमारा योगदान दुनिया में सबसे कम है लेकिन हमें पर्यावरण संरक्षण पर भाषण देने वाले लोग स्वच्छ उर्जा के लिए आवश्यक परमाणु ईंधन देने से हमें इनकार कर देते हैं।’
आमिर ने 2013 में आई कमल हासन की फिम विश्वरूपम पर लगाए गए प्रतिबंध की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर लोगों को किसी फिल्म में शामिल कुछ चीजें पसंद नहीं भी हैं तो भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने को सही नहीं ठहराया जा सकता।
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जफर सरेशवाला के रवैये से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य नाराज हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले सरेसवाला ने पर्सनल लॉ बोर्ड के उस प्रस्ताव का विरोध किया
हिन्दूवादी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे घर वापसी कार्यक्रम का मुद्दा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आगामी 20 मार्च से जयपुर में होने वाली तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से उठने की प्रबल सम्भावना है।
फिल्म निर्देशक पहलाज निहलानी ने जब से सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष पद संभाला है तब से वह और सेंसर बोर्ड विवादों में हैं। इस दफा खबर है कि सेंसर बोर्ड ने निर्णय लिया है कि आपत्तिजनक और गाली गलौज वाले 28 शब्दों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर तैयार विवादास्पद सूची पर अमल से पहले विभिन्न वर्गों से विचार-विमर्श किया जाएगा।
पंजाबी फिल्म द ब्लड स्ट्रीट को सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र न मिलने के कारण यह फिल्म भारत में रिलीज नहीं हो पा रही है। इससे पहले कौम दे हीरे भी ऐसी स्थिति झेल चुकी है। ज्यादा तर पंजाबी फिल्मों की पृष्ठभूमि 84 के दंगे या उसके बाद की स्थितियों पर ही बन रही हैं।