रूस यात्रा के बाद अफगानिस्तान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की। काबुल में प्रधानमंत्री ने अफगान संसद के नए भवन का उद्घाटन भी किया।
संसद का एक और सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा और राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। हंगामे के कारण जीएसटी और रियल एस्टेट सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक अटक गए। यहां तक की लोकसभा में कल पेश हुआ बैंकरप्सी बिल भी ज्वाइंट कमिटी को भेज दिया गया है। इसके अलावा इंडियन फॉरेस्ट संशोधन विधेयक, सुगर सेश संशोधन विधेयक भी पारित नहीं हो पाया।
प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर कानून से उत्पादक राज्यों की तुलना में उपभोक्ता राज्यों को अधिक लाभ मिलेगा और इसके लागू होने से जीडीपी में दो प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है लेकिन संसद के मौजूदा सत्र में यह विधेयक कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों के साथ ही अधर में लटक चुका है।
जुवेनाइल जस्टिस बिल आज राज्यसभा में पारित हो गया। नए कानून के जरिये जघन्य अपराध में नाबालिग को पुन: परिभाषित किया गया है। इस कानून के तहत जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के नाबालिगों को भी वयस्क मानकर मुकदमा चलाया जाएगा।
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस सांसदों की मांग थी कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस्तीफा देना चाहिए।
राज्यसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने किशोर न्याय कानून में संशोधन के प्रावधान वाले विधेयक को जल्दी पारित किए जाने पर बल दिया। इसके कुछ देर पहले ही उच्चतम न्यायालय ने निर्भया मामले में नाबालिग दोषी की रिहाई के खिलाफ एक याचिका को खारिज कर दिया।
कांग्रेस नेता संसद में किस तरह बिना तैयारी के पहुंच रहे हैं और हंगामा मचा रहे हैं इसका उदाहरण आज लोकसभा में दिखा जब डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा कर रहे कांग्रेसी नेताओं को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।
सोमवार को राज्यसभा में तीन विधेयकों को पारित कराने की तैयारी चल रही है। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में गुड एंड सर्विसेज टैक्स को लेकर कोई सहमति नहीं बनी लेकिन सत्र के तीन दिनों के दौरान छह विधेयकों को पारित कराने पर सहमति बन गई।
राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जीएसटी विधेयक को पारित कराने को लेकर सभी दल राजी नहीं हुए। लेकिन उच्च सदन के सदस्यों ने सत्र के शेष तीन दिन के दौरान छह विधेयकों को पारित कराने का निर्णय किया।