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हैरी को सेजल मिली दर्शकों को क्या मिला

हैरी को सेजल मिली दर्शकों को क्या मिला

जब हैरी मेट सेजल यानी कि हिंदी में बोले तो जब हैरी सेजल से मिला। तो हैरी जब सेजल से मिला तो स्यापा पै गया। ऑरिजनल स्यापा। जो सेजल की अंगूठी में लगा ता ओरिजनल डायमंड उतना ही ओरिजनल। हैरी को तो फिल्मी पौने तीन घंटे में सेजल, यू नो सेजल मिली, पर भैया इम्तियाज से कोई तो जाके पूछो मल्टीप्लेक्स जाने वाली जनता को क्या मिला?
फिल्मों में राष्‍ट्रगान बजने पर दर्शकों को खड़े होने की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

फिल्मों में राष्‍ट्रगान बजने पर दर्शकों को खड़े होने की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि किसी फिल्म, वृत्त चित्र या समाचार फिल्म की कहानी के हिस्से के रूप में राष्‍ट्रगान बजने के दौरान दर्शकों को खड़ा होने की जरूरत नहीं है।
रंगमंच पर बॉलीवुड कलाकारों के आने से दर्शकों की तादाद बढ़ती है: सतीश कौशिक

रंगमंच पर बॉलीवुड कलाकारों के आने से दर्शकों की तादाद बढ़ती है: सतीश कौशिक

अपने नए नाटक के साथ मंच पर वापसी कर रहे अभिनेता निर्देशक सतीश कौशिक का मानना है कि रंगमंच पर बॉलीवुड कलाकारों की मौजूदगी थियेटर में दर्शकों की तादाद बढ़ाने में मददगार होती है।
पाकिस्‍तानी नाटक में हंगामा मचाने वालों को दर्शकों ने खदेड़ा

पाकिस्‍तानी नाटक में हंगामा मचाने वालों को दर्शकों ने खदेड़ा

शिवसेना का पाकिस्‍तानी कलाकारों के विरोध का सिलसिला अब गुड़गांव तक पहुंच गया हैं। लेकिन गुड़गांव में यह कोशिश नाकाम रही। पाकिस्तानी कलाकारों के नाटक में हंगामा करने पहुंचे हुड़दंगियों को दर्शकों ने ही खदेड़ दिया और नाटक का मंचन पूरा कराया। इस तरह अभिव्‍यक्ति पर हमला करने वालों काे लोगों ने ही करारा जवाब दिया है।
कटक में शृंखला की हार, दर्शकों का व्यवहार दोनों शर्मनाक

कटक में शृंखला की हार, दर्शकों का व्यवहार दोनों शर्मनाक

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में भारतीय टीम के घटिया प्रदर्शन के कारण तीन मैचों की शृंखला तो गंवानी ही पड़ी, उग्र दर्शकों के शर्मनाक व्यवहार ने भी भद्रजनों के इस खेल को शर्मसार कर दिया। भारतीय टीम महज 17.2 ओवर में 92 रन बनाकर सिमट गई। दक्षिण अफ्रीका ने इस आसान लक्ष्य को छह विकेट और 17 गेंद रहते हासिल कर लिया।
कट्टी-बट्टी - कट्टी ही रहेगी दर्शकों से

कट्टी-बट्टी - कट्टी ही रहेगी दर्शकों से

बॉलीवुड में पहली नजर के प्यार पर बनी फिल्मों की कोई कमी नहीं है। मैडी यानी माधव काबरा (इमरान खान) को पायल (कंगना रणौत) से पहली नजर का प्यार है। बिलकुल इंस्टेंट। मैगी वाला। यहां देखा, वहां प्यार। दिवाने माधव को यह भी मंजूर है कि पायल टाइमपास प्यार करेगी। ठीक है भई। नया जमाना है तो चल जाएगा।
फिल्‍म समीक्षा: सलमान ने दी दर्शकों को ईदी

फिल्‍म समीक्षा: सलमान ने दी दर्शकों को ईदी

सलमान खान के प्रशंसकों से कभी मत पूछिए कि उनकी फिल्म कैसी थी। क्योंकि उनके लिए सलमान की फिल्म निष्ठा का प्रश्न ज्यादा होती हैं। इस बार ईद का सबसे पड़ा तोहफा बजरंगी भाईजान है। इस फिल्म में भी कमियां निकालना चाहें तो ढेर मिल जाएंगी। पर फिलहाल तो ध्यान इसी पर केंद्रित रखिए कि निर्माता (सलमान खान और राकलाइन वेंकटेश) के खाते में एक के आगे कितने शून्य जमा होंगे। मनमोहन देसाई मार्का यह फिल्म दर्शक बटोरेगी या नहीं यह तो प्रश्न ही बेमानी है।
कला को जीवन देती कला

कला को जीवन देती कला

खजुराहो नृत्य समारोह-एक ऐसे दौर में जब कला को खुद को जिंदा व प्रासंगिक बनाए रखने के लिए जद्दोजेहद करनी पड़ रही है, अलग-अलग कलाओं का एक-दूसरे का सहारा बनकर एक मंच पर आना एक सुकून देने वाला अनुभव है। खजुराहो नृत्य समारोह ऐसा करने में काफी हद तक कामयाब रहा है।
बदलापुर : दर्शकों से बदला क्यों

बदलापुर : दर्शकों से बदला क्यों

बदलापर फिल्म से इतन तो साफ है कि भारत में आजकल फिल्में सिर्फ बनने के लिए ही बन रही है। दर्शकों के लिए उसमें कुछ तथ्य होना चाहिए इस पर सोचना शायद निर्माता-निर्देशक बंद कर चुके हैं। कुछ ट्विस्ट एंड टर्न देकर लगता है एक फिल्म में बस यही होना काफी है।
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