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Search Result : "चमोली त्रासदी"

32 साल बाद भी न्याय के बजाय बस श्रद्धांजलि सभा

32 साल बाद भी न्याय के बजाय बस श्रद्धांजलि सभा

आज यानी 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की 31वीं बरसी पर भोपाल में कई श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन होगा। सन 1984 में 2 और 3 तारीख की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस लीक होने से 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे।
भुवनेश्वर अस्पताल त्रासदी: ट्रस्टी मनोज रंजन ने किया आत्मसमर्पण

भुवनेश्वर अस्पताल त्रासदी: ट्रस्टी मनोज रंजन ने किया आत्मसमर्पण

सम अस्पताल चलाने वाले शिक्षा ओ अनुसंधान चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज रंजन नायक ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सम अस्पताल में आग लग जाने पर 21 लोग मारे गए थे। नायक की गिरफ्तारी के साथ इस आग त्रासदी के मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या पांच हो गई है।
पवित्र हज यात्रा के अहम चरण में अराफात की पहाड़ी पहुंचे हज यात्री

पवित्र हज यात्रा के अहम चरण में अराफात की पहाड़ी पहुंचे हज यात्री

हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे दुनिया भर के लाखों मुसलमान हज से जुड़े अरकानों (धार्मिक रीति रिवाज) को एक-एक कर पूरा करते हुए रविवार को अराफात की पहाड़ी पर पहुंचे। इस पहाड़ी पर इबादत को हज के दरम्यान का एक अहम पड़ाव माना जाता है। पिछले साल की भगदड़ की त्रासदी के बाद इस बार व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
महाड त्रासदी पर शिवसेना का फडणवीस पर निशाना

महाड त्रासदी पर शिवसेना का फडणवीस पर निशाना

शिवसेना ने महाड त्रासदी को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हेें दुर्घटनास्थलों के हवाई दौरों को रोकना चाहिए और उसने पालक मंत्रियों को राज्य के भीतर विमान से उड़ान भरने से रोकने की मांग की ताकि मंत्री महाराष्ट्र की सड़कों एवं पुलों की हालत समझ सकें।
पिथौरागढ़ में सौ साल में ऐसा बादल नहीं फटा, 12 लोगों की मौत, 25 लापता

पिथौरागढ़ में सौ साल में ऐसा बादल नहीं फटा, 12 लोगों की मौत, 25 लापता

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जिले के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार तड़के भारी बारिश होने और बादल फटने से 12 लोगों की मौत हो गयी तथा दर्जनों घर जमींदोज हो गये और मलबे में कई लोग दब गये। पिथौरागढ़ जिले के सिंघली क्षेत्र में बादल फटने से आठ लोगों की मौत हुई और 25 अन्य लापता हो गये।
16 जूून की वो रात, त्रासदी के मिटे निशां, इस साल पहुंचेंगे सात लाख तीर्थालु

16 जूून की वो रात, त्रासदी के मिटे निशां, इस साल पहुंचेंगे सात लाख तीर्थालु

तीन साल पहले 16 जून की रात केदारनाथ में हुई भारी जल प्रलय के निशान अब मिटने लगे हैं। केदारनाथ मंदिर के पास शांत बह रही मंदाकिनी के नवनिर्मित किनारे श्रद़धालुओं में शायद यही संदेश दे रहे हैं, कि जख्‍म कितना भी घातक हो, वक्‍त सबसे बड़ा मरहम होता है। प्रलयंकारी उफान में 11,755 फुट की उंचाई पर स्थित हिमालयी धाम के डूबने के साथ ही देश भर से आये श्रद़धालु, पुजारी, व्यापारी और स्थानीय लोगों सहित करीब 5000 जिंदगियां बह गई थीं। रह गयी थी बस चीख और पुकार तथा अपनों का क्रंदन। उस मातमी माहौल को केदारनाथ की महिमा ने पीछे कर दिया है।
बेहतर जिंदगी की जद्दोजहद में दर्जनों प्रवासी भूमध्य सागर में डूबे

बेहतर जिंदगी की जद्दोजहद में दर्जनों प्रवासी भूमध्य सागर में डूबे

युद्ध और भुखमरी के हालात से बचने के लिए यूरोपीय देशों में पनाह की आस में भूमध्य सागर पार करने की कोशिश में लगातार प्रवासियों की जान जा रही है। ताजा घटना में इटली पहुंचने की जद्दोजहद कर रहे लीबिया के कई लोग भूमध्य सागर में हादसे का शिकार हो गए। इतावली नौसेना ने अब तक 45 प्रवासियों के शव बरामद किए हैं जिनकी मौत डूबने से हो गई। इस सागर में हाल में हुई तीसरी बड़ी त्रासदी में अभी भी दर्जनों लोग लापता हैं।
उत्तराखंड में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.4 रही तीव्रता

उत्तराखंड में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.4 रही तीव्रता

देश के खुबसूरत पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के कई हिस्सों में शनिवार के तड़के मध्यम वेग का भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.4 मापी गई।
भोपाल गैस त्रासदी के 31 वर्ष

भोपाल गैस त्रासदी के 31 वर्ष

2 दिसंबर 1984 को एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना हुई जिसे भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। यूनियन कार्बाइड कंपनी के कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगो की जान गई और अनगिनत लोग शारीरिक अपंगता का शिकार हुए।
केदारनाथ त्रासदी के नाम पर लूट

केदारनाथ त्रासदी के नाम पर लूट

उत्तराखंड में जून 2013 में आई विनाशकारी बाढ़ से मची तबाही के दौरान हजारों लोग कई दिनों तक भूखे रहने को मजबूर थे, बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे, सर्दी- बीमारी काल बन निगल रही थी, उस वक्त राहत के काम में जुटे राज्य सरकार के अधिकारी मटन, चिकन और बेहतरीन खाने का लुत्फ उठा रहे थे। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के जरिये हुए इस सनसनीखेज खुलासे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
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