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Search Result : "क्रांति रेडकर"

बजट ने कृषि और किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया: राधा मोहन सिंह

बजट ने कृषि और किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया: राधा मोहन सिंह

केंद्रीय बजट में कृषि एवं किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने का उल्लेख करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस बार के बजट से यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो गयी कि मोदी सरकार गांव, गरीब और किसानों के लिए काम कर रही है और कृषि विकास दर बढ़कर 4.1 प्रतिशत होने का अनुमान और पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
देश में स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू हो गई है -पीयूष गोयल

देश में स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू हो गई है -पीयूष गोयल

केन्द्र सरकार ने जिस तरह से देश में एलईडी बल्ब लगाकर बिजली क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरूआत की थी, अब उसी तर्ज पर स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को इसके लिए देश के इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर को तैयार रहने के लिए कहा है।
विमुद्रीकरण की क्रांति से देश निसंदेह आगे बढ़ेगा : अमिताभ कांत

विमुद्रीकरण की क्रांति से देश निसंदेह आगे बढ़ेगा : अमिताभ कांत

नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि मौजूदा सरकार की विमुद्रीकरण की नीति एक क्रांति है, जिससे निसंदेह देश तरक्‍की करेगा। कांत के अनुसार विमुद्रीकरण के बाद देश के बैंकों में डिपोजिट बढ़ेगी जिससे काफी सारे लाभ होंगे। मसलन ब्‍याज दरों में कमी आएगी। बाजार के तंत्र में भ्रष्‍टाचार कम होगा। आयकर स्‍लैब में कमी आएगी। कांत ने कहा कि विमुद्रीकरण से पहले 86 फीसदी धन का लेन देन कैश में हाेेता था। जिसमें भ्रष्‍टाचार और लीकेज की आशंका अधिक थी। विमुद्रीकरण के बाद इनमें कमी आएगी। ई कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा। बाजार में धन का लेन देन पारदर्शी बन सकेगा।
गांव बचेंगे तभी भारत बचेगा

गांव बचेंगे तभी भारत बचेगा

आज के गांव संचार क्रांति से तो जुड़ गये हैं लेकिन संवेदनशीलता और भाईचारा वहां से खत्म हो रही है, जो उनकी विशिष्ट पहचान थी। यह चिंता कांस्टीटयूशन क्लब में रविवार की शाम जिंदगी पाउंडेशन द्वारा साहित्यायन ट्रस्ट के विशेष सहयोग से आयोजित वर्तमानमेंगांव विषयक संगोष्ठी में शामिल लगभग सभी वक्ताओं ने व्यक्त की। लेखक राजेश सक्षम को सुरेन्द्र तिवारी सम्मान से नवाजा गया। यह कार्यक्रम दिवंगत साहित्‍यकार सुरेंद्र तिवारी की याद में आयोजित किया गया।
न्याय के लिए नई क्रांति का बिगुल

न्याय के लिए नई क्रांति का बिगुल

बिगुल बज गया- आजादी की वर्षगांठ पर। न्याय के लिए एक नई क्रांति का शंखनाद दूरदराज के किसी मजदूर, किसान ने नहीं देश के सर्वोच्च न्यायाधीश ने किया। 70 वर्षों में पहली बार देश के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर ने कोर्ट परिसर में तिरंगा ध्वज फहराने के तत्काल बाद केंद्र सरकार से गुहार लगाई कि देश में न्याय की रक्षा के लिए न्यायाधीशों की नियुक्तियों में बनी सरकारी रुकावटें दूर की जाएं।
कर-व्यवस्‍था में नई क्रांति

कर-व्यवस्‍था में नई क्रांति

वर्षों की जद्दोजहद के बाद भारत में कर-व्यवस्‍था राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता के साथ अपनाए जाने का मार्ग खुल गया। महीनों नहीं वर्षों से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श होता रहा।
अग्निवेश जद यू में शामिल : कहा, शराब बंदी संपूर्ण क्रांति के सपने को पूरा करेगी

अग्निवेश जद यू में शामिल : कहा, शराब बंदी संपूर्ण क्रांति के सपने को पूरा करेगी

स्‍वामी अग्निवेश ने दोबारा से सक्रिय राजनीति में प्रवेश कर लिया है। बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी मुहिम की प्रशंसा करने वाले स्‍वामी अग्निवेश ने जद यू का दामन थामा है। जद यू बिहार के बाहर शराबबंदी के जरिए अपना फैलाव करना चाहती है। लिहाजा अग्निवेश काेे पार्टी में शामिल करने के पीछे यही रणनीति हो सकती है। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने राष्ट्रव्यापी शराब बंदी पर जोर दिया है।
चंद्रास्वामी के बिना अधूरी राव-गाथा

चंद्रास्वामी के बिना अधूरी राव-गाथा

नरसिंह राव भारत के सर्वाधिक विवादास्पद प्रधानमंत्री होने के साथ आजादी के बाद आर्थिक क्रांति के जनक माने जाते हैं। राव के राजनीतिक जीवन और कार्यकाल पर बहुत कुछ लिखा-छपा है लेकिन इस सप्ताह युवा प्रोफेसर और पत्रकार विनय सीतापति की नई पुस्तक हाफ लॉयन: हाऊ पी.वी. नरसिंह राव ट्रांसफॉर्म्ड इंडिया में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों, पत्रों और भेंटवार्ताओं के जरिये राव के राजनीतिक जीवन से जुड़े कई पहलुओं की चर्चा हो रही है।
चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

21 जून को योग दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने का एक कारण दुनिया में भारत की आर्थिक शक्ति की पहचान भी है। बाहर वालों को ध्यान नहीं आएगा, लेकिन भारतीयों को याद आ जाना चाहिए कि 21 जून, 1991 को आर्थिक नीति में क्रांतिकारी बदलाव की नींव राष्ट्रपति भवन में रखी गई थी।
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