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चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

नितिन गडकरी काबिल मंत्री होने के साथ अपनी स्पष्टवादिता के लिए भी मशहूर हैं। पार्टी हो या सरकार, जिस समय अधिकांश मंत्री-नेता अपनी सफलताओं के ढोल पीट रहे हैं, नितिन गडकरी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर स्पष्ट शब्दों में माना कि ‘देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में हम विफल रहे हैं। हम दुःख के साथ स्वीकारते हुए सारे तथ्य और आंकड़ों की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में हो रही हैं। प्रतिदिन 1410 दुर्घटनाओं में से 400 लोग मर रहे हैं।’ उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटना रिपोर्ट-2015’ को जारी किया।
कैसे मिले जल्दी न्याय, हाईकोर्टों में 458 न्यायाधीशों की कमी

कैसे मिले जल्दी न्याय, हाईकोर्टों में 458 न्यायाधीशों की कमी

कानून मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में 458 न्यायाधीशों की कमी है। ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब न्यायपालिका और सरकार के बीच हाईकोर्टों में न्यायाधीशों की भावी नियुक्ति को दिशा देने वाले एक दस्तावेज के विभिन्न उपबंधों को लेकर मतभेद हैं।
आवरण कथा- अवैध कमाई की चकाचौंध

आवरण कथा- अवैध कमाई की चकाचौंध

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को इजाजत दी है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार कड़े कानून ले आई है। इस कानून की आड़ में किसके हो रहे हैं पौ-बारह। मुंबई समेत महाराष्ट्र में डांस बार से पाबंदी हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अरसा बीत चुका है। लेकिन कानूनी तरीके से मुंबई में डांस बार अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं।
अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

अस्पष्ट शब्द वाले कानूनों से असंतोष को दबाता है भारत: मानवाधिकार समूह

मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।
नक्शे से जुड़े भारत के विधेयक पर भड़का पाकिस्तान, यूएन पहुंचा

नक्शे से जुड़े भारत के विधेयक पर भड़का पाकिस्तान, यूएन पहुंचा

पाकिस्तान ने कश्मीर के नक्शे से संबंधित भारतीय संसद के मसविदा विधेयक पर संयुक्त राष्ट्र में गहरी चिंता जताई है। पाकिस्तान ने वैश्विक संस्था से कहा है कि वह अपने प्रस्तावों को बरकरार रखे और भारत को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने वाले इन कृत्यों को बंद करने के लिए कहे।
पहले अासाराम ने बताया कानून को अंधा, अब समर्थकों का हंगामा, चाहते हैं रिहाई

पहले अासाराम ने बताया कानून को अंधा, अब समर्थकों का हंगामा, चाहते हैं रिहाई

करीब दो तीन दिन पहले आसाराम ने देश के कानून को अंधा बताया था। अब उनके अंध भक्‍त समर्थकों ने दिल्ली के पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन पर अपने बापू की रिहाई की मांग करते हुए जमकर बवाल काटा। आसाराम करीब ढाई साल से नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ के मामले में जोधपुर की जेल में बंद हैं।
नीतीश संग लालू मानो करेला नीम चढ़ाः पासवान

नीतीश संग लालू मानो करेला नीम चढ़ाः पासवान

लोजपा प्रमुख और केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने आज यहां बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग दोहराते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड चुकी है जिसको बयान करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।
आसाराम ने कहा, देश का कानून अंधा हो गया, एक लड़की के पीछे लाखों लोग परेशान

आसाराम ने कहा, देश का कानून अंधा हो गया, एक लड़की के पीछे लाखों लोग परेशान

नाबालिग से यौन उत्पीड़न के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम ने कहा कि देश का कानून अब अंधा हो गया है। एक लड़की के चक्कर में लाखों लोग परेशान हो रहे हैं।
लोकसभा में उठी बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

लोकसभा में उठी बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

बिहार के गया में जदयू की महिला पार्षद के पुत्र द्वारा एक युवक को कथित रूप से गोली मारने की घटना की गूंज आज लोकसभा में सुनाई दी। बिहार के कुछ सांसदों ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब होने का उल्लेख करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
चर्चाः शिक्षा न व्यापार, न रहे मोहताज | आलोक मेहता

चर्चाः शिक्षा न व्यापार, न रहे मोहताज | आलोक मेहता

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि ‘शिक्षा व्यापार नहीं बल्कि उत्कृष्‍ट कार्य है। शिक्षा का उद्देश्य देश के लोगों को शिक्षित और सशक्त बनाना है। राज्य सरकारों द्वारा संयुक्‍त प्रवेश परीक्षा लिया जाना या फीस निर्धारित करना शिक्षण संस्‍थानों की स्वायत्तता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है।’
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