अगले कुछ महीनों में केंद्र सरकार हवा में उड़ने वाले यात्रियों यानी हवाई जहाज में ईमेल और व्हॉट्स ऐप देखने की आजादी देना शुरू करने वाली है। सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल के अगस्त अंत तक हवाई जहाज में इन फ्लाइट इंटरनेट सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।
करीब दस दिनों पहले आसमान में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दरअसल स्पाइसजेट का एक विमान उड़ान के दौरान एमिरेट्स के एक विमान के बेहद करीब आ गया था जिससे एक बहुत बड़ी दुर्घटना की परिस्थिति बन गई थी। हालांकि स्वजनित चेतावनी से एक बड़ा हादसा होने से पहले उसे टाल दिया गया।
बिहार में मानसून की बारिश ने कुछ परिवारों को तबाह कर दिया है। आसमान से आकाशीय बिजली गिरने से राज्य में 46 लोगों की मौत हो गई है। दस लोग घायल बताए जा रहे हैं। सबसे अधिक पटना जिले में सात लोगों की मौत हुई है। आकाशीय बिजली को ठनका कहते हैं। झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी बारिश अपने साथ तबाही लेकर आई। झारखंड के गढ़वा में बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश में
करीब 20 लोग आकाशीय बिजली का शिकार हुए।
पंजाब में प्रचंड गर्मी से राहत के लिए लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जालंधर सहित प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में पानी की बजाय आजकल राख की बारिश हो रही है। लोगों के घर की छतों और आंगन में राख की एक मोटी परत जमा हो रही है। इस बारिश का असर खाने और कपड़े पर भी हो रहा है।
‘शाश्वत विकास से हरियाली, स्वच्छ वातावरण, सभी के लिए समृद्धि, युद्ध के भयरहित शांति और विश्व में सभी देशों में सभी नागरिकों के लिए खुशनुमा स्थान को प्राप्त करने का सामर्थ्य मिलता है।’ स्वर्गीय डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के यही वे आखिरी शब्द हैं जो उन्होंने 17 जुलाई 2015 को शिलांग के एक व्याख्यान में कहे थे।
राजस्थान के बाड़मेर में मंगलवार को एक गुब्बारे जैसी संदिग्ध वस्तु के आसमान में उड़ते देखे जाने से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद आनन फानन में वायुसेना ने सुखोई विमान से उस संदिग्ध वस्तु को मार गिराया। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार सुखोई से मिसाइल दागे जाने के क्रम में कुछ विस्फोटक नीचे गांव में गिर गए जिससे वहां धमाका होने से अफरा-तफरी मच गई। वहीं बाड़मेड़ के ही दो अन्य गांवों में रहस्यमयी धमाकों की आवाज सुनी गई। स्थानीय पुलिस घटना की जांच कर रही है।
संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-