भारत ने ईरान से कच्चे तेल आयात की मात्रा कम की तो ईरान ने बदले में आयातित तेल के भुगतान का समय तीन माह से घटाकर दो माह कर दिया साथ ही भाड़ा दर भी बढ़ा दी।
सरकार ने मंगलवार को गेहूं और तुअर (अरहर) दाल पर तत्काल प्रभाव से 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया है ताकि इस वर्ष रिकार्ड उत्पादन होने की संभावना के मद्देनजर किसानों के हितों को सुरक्षित रखा जा सके।
इस साल गेहूं की बंपर पैदावार होने के अनुमान को ध्यान में रखते हुये सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के वास्ते गेहूं पर आयात शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। कृषि सचिव शोभना के. पटनायक ने आज यह जानकारी दी।
गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित केंद्र सरकार ने आज इसकी आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से गेहूं पर आयात शुल्क खत्म कर दिया। इससे पहले गेहूं पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत था।
चार अफ्रीकी देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को मोजांबिक पहुंचे। उन्होंने वहां राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी से द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा की। दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में कई अहम समझौतों पर दस्तखत किए गए। भारत के नजरिए से दालों के आयात को लेकर हुआ समझौता सबसे अहम बताया जा रहा है। मोदी सरकार इसके जरिए देश में दलहन की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने की कोशिश में है। मोजांबिक की राजधानी मैपुटो में बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति न्यूसी और मेरे बीच रक्षा एवं सुरक्षा के मसलों पर आपसी सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी है। उन्होंने मिले सम्मान के लिए प्रेजिडेंट न्यूसी, सरकार और मोजांबिक के लोगों को धन्यवाद दिया।
घरेलु रसोई गैस (एलपीजी) का आयात बढ़ाकर दोगुना करने की योजना बनाई है भारत सरकार ने। अगले तीन साल में 165 लाख टन एलपीजी मंगाई जाएगी। देश में रसोई गैस की बढ़ती मांग को लेकर आयात का यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक पश्चिम एशिया के देशों से एलपीजी का आयात किया जाता रहा है। अब बांग्लादेश और ईरान से अतिरिक्त जरूरत की आपूर्ति होगी।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज बहुप्रतीक्षित नई रक्षा खरीद नीति पेश की। प्रक्रिया जारी करते हुए उन्होंने कहा कि इससे सेनाओं के लिए साजो-सामान की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, काम तेजी से हो सकेगा। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इससे सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को बल मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
दालों की बढ़ती कीमतों और दलहन आयात पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार खेसारी दाल पर 55 साल पहले लगा प्रतिबंध हटाने की कवायद में जुट गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक पैनल ने इस दाल को खाने के लिए सुरक्षित बताया है और बारे में अंतिम फैसला खाद्य नियामक एफएसएसएआई को करना है। लेकिन स्वास्थ्य से जुड़े इस अहम फैसले को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।