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नोटबंदी: पीएम ने किया देशवासियों को नमन, राहुल ने कहा, ‘एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा’

नोटबंदी: पीएम ने किया देशवासियों को नमन, राहुल ने कहा, ‘एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा’

आज यानी 8 नवंबर को नोटबंदी के एक साल पूरे हो गए। इसे लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। भाजपा जहां इसे...
दार्जिलिंग में लगातार छठे दिन भी तनाव बरकरार, सेना ने छोड़े आंसू गैस के गोले

दार्जिलिंग में लगातार छठे दिन भी तनाव बरकरार, सेना ने छोड़े आंसू गैस के गोले

दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के सहायक जनरल बिनय तमांग के आवास पर रेड के खिलाफ आज नारी मोर्चा ने भी अपना विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया है। विरोध प्रदर्शन उग्र होने पर सेना ने उनसे निपटने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
भाजपा विधायक ने हड़काया तो छलक गए महिला आईपीएस के आंसू, योगी के क्षेत्र का मामला

भाजपा विधायक ने हड़काया तो छलक गए महिला आईपीएस के आंसू, योगी के क्षेत्र का मामला

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के राज में भाजपा नेताओं की दबंगई के आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में भाजपा के एक विधायक को महिला आईपीएस अधिकारी को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाते देखा गया है। इस घटना का फुटेज इलेक्ट्राॅॅनिक मीडिया पर वायरल हो गया है।
भीड़ ने उना से लौट रहे दलितों के समूह को पीटा

भीड़ ने उना से लौट रहे दलितों के समूह को पीटा

गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के उना शहर में एक प्रदर्शन रैली से घर लौट रहे 20 दलितों के एक समूह पर समतर गांव के पास भीड़ ने हमला कर दिया, जिसमें आठ दलित गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना सोमवार शाम करीब पांच बजे हुई। पुलिस ने भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का लाठी चार्ज भी किया। हालांकि पीडि़तों का दावा है कि पुलिस ने उनकी मदद के लिए कुछ नहीं किया।
चर्चाः पत्थर का सिंहासन, न्याय के आंसू | आलोक मेहता

चर्चाः पत्थर का सिंहासन, न्याय के आंसू | आलोक मेहता

देश-दुनिया को न्याय दिलाने वाले भारतीय न्यायाधीशों की कोई यूनियन नहीं होती। वे नारे नहीं लगा सकते। विरोध में प्रदर्शन नहीं कर सकते। स्वयं बनाई आचार संहिता के तहत अधिकांश न्यायाधीश भव्य पार्टियों से भी बचते रहते हैं। निजी समारोह में भी कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करते। विधि संस्‍थानों अथवा प्रतिष्ठित संस्‍थानों को छोड़कर सभाओं को संबोधित करने नहीं जाते। केवल सत्य निष्‍ठा और निष्पक्ष न्याय उनका मूल मंत्र और लक्ष्य होता है। कानूनी ग्रंथों के अलावा अदालत में प्रस्तुत प्रकरणों की मोटी फाइलें दिन-रात पढ़ते और फैसले लिखते हैं।
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