शांति देवी जिन्होंने फसल बोने के नाम पर बैंक से 1 लाख रुपये कर्ज लिया था, लेकिन इनको जो ऋणमाफी का प्रमाण पत्र दिया गया है, उसमें 10.36 रुपये का कर्ज माफ है।
आमतौर पर जन आंदोलनों की तरफ ध्यान तभी जाता है जब कोई बड़ी हस्ती शामिल हो या कहीं हिंसा भड़क जाए। लेकिन पिछले दो हफ्ते से राजस्थान के शेखावाटी में फैला किसान आंदोलन न सिर्फ शांतिपूर्ण है बल्कि अपने मुद्दों और मकसद पर कायम भी है।
गुड़गांव के रियान इंटरनेशनल स्कूल में हुई सात साल के बच्चे की हत्या पर वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट मिनिस्टर मेनका गांधी ने कहा है कि स्कूलों के नॉन टीचिंग स्टाफ में भी सिर्फ महिलाएं होनी चाहिए।
उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने पूरी घटना को भारतीय संस्कृति को बदनाम करने की साजिश बताया है। साक्षी महाराज ने कहा, "अगर ज्यादा बड़ी घटनाएं घटती हैं तो इसके लिए डेरा के लोग ही नहीं कोर्ट भी जिम्मेदार होगा।''
एक तरफ तो यह नीतियां किसान को कर्जदार बनाती है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों को कम समर्थन मूल्य और खुले बाजार को ताकत देकर किसानों को ऐसी स्थिति में पंहुचाती है, जहां वे ब्याज तो छोड़िये, मूलधन भी चुकाने की स्थिति में नहीं रह जाते हैं।