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Search Result : "अनिल साहनी"

फ्रांसीसी उद्योगपतियों ने दिया भारत में स्पष्ट, पारदर्शी नियमों पर जोर

फ्रांसीसी उद्योगपतियों ने दिया भारत में स्पष्ट, पारदर्शी नियमों पर जोर

फ्रांसीसी कारोबारी नेताओं ने मोदी के पूर्व दौर में आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए स्पष्ट, पारदर्शी और स्थिर नियमों पर जोर दिया तथा भारत में निवेश में रूचि जताते हुए भारतीय कंपनियों के साथ विशेष क्षेत्रों में पांच कार्यबल गठित करने का निर्णय किया।
अंतोन चेखव की कहानी ‘भिखारी’

अंतोन चेखव की कहानी ‘भिखारी’

लेखक अंतोन चेखव (1860-1904) को रूसी साहित्य में ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य में महानतम कहानीकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने न केवल कहानियां लिखीं, बल्कि चार कालजयी नाटक भी लिखे, जिनमें ‘चेरी का बगीचा’ और ‘तीन बहनें’ नाटकों को अप्रतिम माना जाता है। उनकी कहानियां विश्व के समीक्षकों और आलोचकों में बहुत सम्मान के साथ सराही जाती हैं। चेखव पेशे से चिकित्सक थे। अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्होंने कहानियां लिखना शुरू किया था और बाद में वह लेखक बन गए। वह कहा करते थे, ‘डॉक्टरी मेरी धर्मपत्नी है और साहित्य प्रेमिका।’
खेमका के तबादले पर भाजपा में अलग-अलग सुर

खेमका के तबादले पर भाजपा में अलग-अलग सुर

राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों पर सवालिया निशान लगा कर सुर्खियों में आए व्हिसलब्लोअर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के तबादले से भाजपा में दो राय बन गई है। हरियाणा की भाजपा सरकार के दो मंत्रियों के अलग-अलग सुर हैं।
भाजपा सरकार ने भी किया खेमका का तबादला

भाजपा सरकार ने भी किया खेमका का तबादला

राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों पर सवालिया निशान लगा कर सुर्खियों में आए आइ एएस अधिकारी अशोक खेमका का भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भी तबादला कर दिया है। खेमका ने अपने तबादले को तकलीफदेह करार देते हुए कहा कि बेइंतहा सीमाबद्धताओं और पैठ जमाए स्वार्थों के बावजूद उन्होंने भ्रष्टाचार समाप्त करने और राज्य परिवहन विभाग में सुधार लाने का प्रयास किया।
कुम्भ मेले में हुए घोटाले की जांच की सिफारिश

कुम्भ मेले में हुए घोटाले की जांच की सिफारिश

उत्तराखंड के सूचना आयुक्त ने 2010 में हरिद्वार में आयोजित कुम्भ मेले के दौरान कथित तौर पर 180 करोड़ रूपये की वित्तीय अनियमितता के आरोपों की सीबीआइ से जांच कराने की मंगवार को मुख्य सचिव से सिफारिश की। उस समय राज्य में भाजपा सरकार थी।
अनिल करमेले की कविताएं

अनिल करमेले की कविताएं

2 मार्च 1965 को छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश में जन्मे कवि अनिल करमेले की कविताएं सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है। पहल, हंस, ज्ञानोदय, वागार्थ, वसुधा, कथादेश, जनसत्ता, इंडिया टुडे, शुक्रवार, पब्लिक एजेंडा, दैनिक हिन्दुस्तान, नई दुनिया, लोकमत समाचार, भास्कर आदि में वह प्रमुखता से छपे हैं। साथ ही लेख एवं समीक्षाएं भी प्रकाशित हुई हैं। ‘ईश्वर के नाम पर’ उनकी पहली किताब प्रकाशित हुई थी। इसी पुस्तक पर उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादेमी का "दुष्यंत कुमार" पुरस्कार मिला। फिलवक्भात वह भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) के अंतर्गत महालेखाकार लेखापरीक्षा कार्यालय में सेवारत हैं।
गोरे रंग का मर्सिया

गोरे रंग का मर्सिया

अनिल करमेले की कविताओं में विविध रंग हैं। जहां वह समाज पर चोट करते हैं वहीं प्रेम पर वह सौम्यता से बातें रखते हैं।
मतंग सिंह का जलवा है कायम

मतंग सिंह का जलवा है कायम

भले ही शारदा चिंट फंड घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को सीबीआई ने हिरासत में लिया हो लेकिन संबंधों के चलते उनका जलवा आज भी कायम है।
भाजपा शासित राज्यों में सिर फुटव्वल

भाजपा शासित राज्यों में सिर फुटव्वल

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की हार क्या हुई पार्टी नेताओं के आपसी झगड़े सामने आने लगे। इसकी शुरूआत हरियाणा से हुई जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्रदेश के स्वास्‍थ्य और खेल मंत्री अनिल विज ने मोर्चा खोल दिया है।
गोस्वामी का फोन किसने किया टैप

गोस्वामी का फोन किसने किया टैप

विदेश सचिव सुजाता सिंह की जबरन विदाई के बाद गृह सचिव अनिल गोस्वामी की बर्खास्तगी से केंद्र सरकार के कामकाज पर सवाल उठने लगा है। गोस्वामी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को शारदा घोटाले में गिरफ्तार न किए जाने की पहल का आरोप था।
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