आम आदमी पार्टी ने नए प्रवक्ताओं की जो सूची जारी की है उसमें इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि कौन व्यक्ति दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नजदीकी है।
आम आदमी पार्टी द्वारा नये लोकपाल को नियुक्त करने के कुछ ही दिन बाद पूर्व नौसेना प्रमुख रामदास ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि इस पद पर उनका कार्यकाल नवंबर 2016 में समाप्त होना था।
प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासन को डरावना करार देते हुए शिवसेना ने कहा है कि कुछ मामलों में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का विरोध करना दोनों को भारी पड़ गया।
प्रशांत भूषण को आप की राष्ट्रीय अनुशासन समिति के प्रमुख पद से हटाए जाने के बाद अगला निशाना योगेंद्र यादव बन सकते हैं जिन्हें पार्टी के मुख्य प्रवक्ता पद से हटाया जा सकता है।
मधेपुरा से राजद सांसद पप्पू यादव पार्टी प्रमुख लालू यादव से नाराज हैं। पप्पू यादव पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को समर्थन दे रहे हैं और चाहते हैं कि राजद भी समर्थन दे ताकि राज्य में सामाजिक न्याय का नारा बुलंद हो सके। पप्पू यादव से आउटलुक की बातचीत के प्रमुख अंश-
आम आदमी पार्टी यानी आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार और प्रो. अजीत झा क्या करेंगे? क्या वे चुपचाप पार्टी से बाहर हो जाएंगे या अपने समर्थकों को लेकर नई पार्टी बनाएंगे? आम आदमी पार्टी को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के तौर पर देखने वालों के सर पर आजकल ये सवाल बेताल की तरह नाच रहे हैं।
उत्तर प्रदेश प्रांतीय लोक सेवा आयोग (यूपी पीसीएस) की प्रारंभिक परीक्षा का पहला पर्चा रविवार को लीक होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर पूरी परीक्षा सोमवार को रद्द कर दी गई। सरकार के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
नव संवत्सर आत्महत्या की अजीब प्रवृत्तियों के लपेटे में दिख रहा है। फ्रांस में एक विमान के जर्मन सह पायलट जैसी भौतिक और भयानक आत्महंता प्रवृत्ति तो इस देश में नहीं दिखी जिसने अपने साथ-साथ 150 लोगों की जान और हवाई जहाज का विनाश ही कर दिया। लेकिन यहां एक अन्य तरह का राजनीतिक आत्महंता रुझान जरूर दिख रहा है। दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद संसद के महत्वपूर्ण सत्र से राहुल गांधी के अज्ञातवास पलायन और कश्मीर तथा पाकिस्तान के मामले में मोदी सरकार की बेपेंदी के लोटे की तरह लुढ़काऊं नीति के जरिये क्रमश: कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी गिर पड़ने के लिए कुल्हाड़ी तलाशती दिख रही हैं। लेकिन सबसे गजब निकली आम आदमी पार्टी।
आम आदमी पार्टी आखिर दो गुटों में बंट ही गई। एक गुट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में तो दूसरा योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के समर्थन में। दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जो हंगामा हुआ उसकी पटकथा पहले से ही तैयार थी।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व को चुनौती देने वाले आप के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आज राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भारी बहुमत से पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी से बाहर कर दिया गया। इन दोनों नेताओं ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया।