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यूपी: ओवैसी बसपा-सपा से हुए दूर, क्या भाजपा को मिलेगा फायदा

बिहार के बाद अब यूपी में भी सियासी कारनामें की उम्मीद की जा रही है। यहां एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन...
यूपी: ओवैसी बसपा-सपा से हुए दूर, क्या भाजपा को मिलेगा फायदा

बिहार के बाद अब यूपी में भी सियासी कारनामें की उम्मीद की जा रही है। यहां एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लगा है क्योंकि बसपा प्रमुख मायावती ने ऐलान कर दिया है कि वे अकेले चुनाव लड़ेंगी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी ओवैसी से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। असल में ओवैसी ने आगामी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और अभी तक उनका केवल ओमप्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोर्चा से ही गठबंधन हो पाया है। ओवैसी को उम्मीद थी की भाजपा विरोधी दलों के साथ मिलकर वो एक बड़ा गठबंधन तैयार कर सकते हैं। हालाकि जिस तरह से मायावती और अखिलेश यादव ने उनसे दूरी बनाई है अब उनके पास राजभर के बाद कोई खास विकल्प रह नहीं जाता है। हो सकता है आने वाले दिनों में भागेदारी संकल्प मोर्चा से अखिलेश यादव से नाराज चल रहे उनके चाचा शिवपाल यादव भी अपनी पार्टी के साथ शामिल हो जाए। 

अब देखना यह होगा कि विधानसभा चुनाव की लड़ाई चतुष्कोणीय मुकाबला करेगी या तीन मोर्चो पर ही लड़ी जाएगी। अभी तक जो संकेत मिल रहे हैं उसके आधार पर भाजपा को वोट बंटवारे का फायदा मिल सकता है क्योंकि अखिलेश, आरएलडी और दूसरे छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाने के पक्ष में दिख रहे हैं। जबकि मायावती अलग चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वहीं ओमप्रकाश राजभर ने भी भाजपा के ऑफर को ठुकरा दिया है। जिसके बाद यूपी में अब चतुष्कोणीय मुकाबला होने को है और आने वाले समय में यह लड़ाई और दिलचस्प होने वाली है। इससे पहले भी ओवैसी ने बिहार में बसपा के साथ गठबंधन किया था।

बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को ट्वीट कर कहा है कि एआईएमआईएम 100 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी। इसके लिए पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने का प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है।

शनिवार को यूपी में बसपा और ओवैसी की पार्टी के गठबंधन की खबरें सामने आई थी। हालांकि, बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर इन खबरों पर विराम लगा दिया। बसपा की मुखिया मायावती ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि वे एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से यूपी विधानसभा चुनाव में गठबंधन करेंगी। उन्होंने ट्वीट करते हुये ऐसी खबरों का सिरे से खारिज कर दिया है। अपने ट्वीट में बसपा सुप्रमो ने कहा कि, ये भ्रामक और तथ्यहीन खबरें हैं, इनमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। अब इस पर ओवैसी ने भी अपना रुख साफ कर दिया है।

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