Advertisement

फिर सामने आया शिवपाल और अखिलेश के बीच का कलह, शिवपाल बोले, "वो मुझे विधायक दल से निकाल दें"

दिग्गज समाजवादी नेता शिवपाल यादव और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बीच का कलह एक बार फिर से सामने आया है।...
फिर सामने आया शिवपाल और अखिलेश के बीच का कलह, शिवपाल बोले,

दिग्गज समाजवादी नेता शिवपाल यादव और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बीच का कलह एक बार फिर से सामने आया है। बृहस्पतिवार को शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘भाजपा से मिलने वाला सपा में नहीं रहेगा।’ शिवपाल ने इस टिप्पणी को “गैर-जिम्मेदाराना” बताते हुए कहा, “अगर अखिलेश ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर निकाल देना चाहिए।

भाजपा में जाने की अटकलों पर शिवपाल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है और जब सही समय आएगा तो वह सभी को इसके बारे में बताएंगे। पूर्व में अपने भतीजे से मनमुटाव के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपीएल) बनाने वाले शिवपाल ने हाल ही में सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।

अखिलेश की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए शिवपाल ने कहा, ”यह गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी है। मैंने सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर चुनाव लड़ा था। अगर उन्हें ऐसा लगता है तो वह तुरंत इस पर निर्णय लें और मुझे विधानमंडल दल से बाहर निकाल दें।’ हालांकि, सपा अध्यक्ष ने अपने चाचा का नाम नहीं लिया था, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शिवपाल की हालिया मुलाकात की पृष्ठभूमि में की गई उनकी इस टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में फिर हलचल मचा दी है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के इन दावों के बारे में पूछे जाने पर कि वह नियमित रूप से उनके संपर्क में हैं और गठबंधन के सदस्य हैं, शिवपाल ने कहा, ‘एक फोन आया था, लेकिन अभी तक उनसे इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है। संभव है कि उन्होंने मुझसे मिलते-जुलते नाम वाले किसी और व्यक्ति से बात की होगी।’

शिवपाल ने हाल ही में भाजपा के साथ बढ़ती दोस्ती के संकेत दिए थे, जब योगी से मिलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया था।

शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था। शिवपाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। शिवपाल ने 31 मार्च को शपथ ली थी और बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad