Advertisement

कृषि कानून के विरोध में अब NDA के सहयोगी RLP ने छोड़ा साथ, अकाली दल पहले ही हो चुकी है अलग

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों और विपक्षी दलों की ओर से हो रहे हमलों के बीच एनडीए के सहयोगी दलों के...
कृषि कानून के विरोध में अब NDA के सहयोगी RLP ने छोड़ा साथ, अकाली दल पहले ही हो चुकी है अलग

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों और विपक्षी दलों की ओर से हो रहे हमलों के बीच एनडीए के सहयोगी दलों के बागी तेवर बने हुए हैं। अब एनडीए में सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के नेता हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। किसान आंदोलन के बीच उन्होंने कहा कि शिवसेना और अकाली दल पहले ही एनडीए छोड़ चुके हैं और आरएलपी ने भी एनडीए छोड़ने का मन बना लिया है।

बेनीवाल ने कहा कि मैंने तीन कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) छोड़ दिया है लेकिन कांग्रेस से गठबंधन नहीं करूंगा। ये कानून किसान विरोधी हैं। 

इससे पहले बेनीवाल ने कहा कि मोदी सरकार के पास 303 सांसद हैं जिससे वह कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है। 1,200 किलोमीटर दूर राजस्थान के किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। एनडीए में बने रहने के बारे में उन्होंने कहा कि हरियाणा बॉर्डर के शाहजहांपुर में बैठक के बाद एनडीए में रहने या छोड़ने पर फैसला लिया जाएगा।

पिछले दिनों शिरोमणी अकाली दल के बाद अब सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने ऐलान किया था कि किसान आंदोलन के समर्थन में 26 दिसंबर को उनकी पार्टी 2 लाख किसानों को लेकर राजस्थान से दिल्ली मार्च करेगी उन्होंने यह भी कहा कि उसी दिन यह भी फैसला लिया जाएगा कि अब एनडीए में रहना है या नहीं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad