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इनेलो कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के साथ, करेंगे संगठन के नेताओं से मुलाकातः अभय चौटाला

इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) के हरियाणा में ऐलनाबाद से विधायक एवं वरिष्ठ नेता अभय सिंह ने चौटाला ने कहा है...
इनेलो कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के साथ, करेंगे संगठन के नेताओं से मुलाकातः अभय चौटाला

इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) के हरियाणा में ऐलनाबाद से विधायक एवं वरिष्ठ नेता अभय सिंह ने चौटाला ने कहा है कि पार्टी केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के साथ है और वह स्वयं धरना स्थलों पर जाकर किसान संगठनों के नेताओं से मुलाकात कर आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।

चौटाला ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि किसी भी किसान संगठन ने इन कृषि कानूनों की मांग नहीं की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून खत्म कर किसानों को फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की गारंटी दे और जो भी किसान की फसल एमएसपी से नीचे खरीदे उस पर आपराधिक मुकद्दमा दर्ज कर सजा का प्रावधान करे, साथ ही यह सुनिश्चित करे कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट के अनुसार किसान को उसकी फसल का दाम मिले।

उन्होंने पूरे प्रदेश के किसानों और राजनीतिक संगठनों से अपील की कि वे राजनीति से ऊपर उठकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ मजबूती से खड़े होकर उनका साथ देें। उन्होंने कहा कि आठ अप्रैल 2010 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्होंने एक समूह बनाया था जिसमें महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तामिलनाडू के मुख्यमंत्रियों को शामिल किया गया था। इस समूह के चेयरमैन स्वयं श्री मोदी थे। तब इन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक चिट्ठी लिखकर 64 सूत्रीय कार्ययोजना दी थी जिसमें एमएसपी का जिक्र करते हुये कहा था कि ‘‘सामाजिक निकाय के माध्यम से किसानों के हितों को शुरक्षित करना होगा’’ तथा किसान और व्यापारी के बीच होने वाले लेन-देन पर एमएसपी से नीचे कोई खरीद नहीं होनी चाहिए ताकि किसानों को कोई घाटा न हो।

एक प्रश्न पर इनेलो नेता ने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह आंदोलनरत किसानों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपने चिकित्सा प्रकोष्ठ के करीब 150 डॉक्टरों की जिम्मेदारी लगाई है जो धरनास्थल पर जाकर बीमार लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएंगे। साथ ही राशन, दवाइयां और कम्बल भी वितरित करेंगे। किसान संगठनों द्वारा उनके इस्तीफे की मांग को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो वह तुरंत अपना इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष को भेज देंगे। उन्होंने कहा कि विधायक तो बहुत छोटी सी बात है। उनकी रगों में चौधरी देवी लाल का खून है जिन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का पद भी त्याग दिया था।

राज्य में नगर निगम चुनावों को लेकर श्री चौटाला ने कहा कि पार्टी महापौर पद का चुनाव अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी तथा पार्षद चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ा जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी(जजपा) नेताओं पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुये कहा कि हैरानी की बात है कि जो सरकार में शामिल है वे भी किसानों के मुकदमे वापिस लेने की मांग कर रहे हैं। अगर उनकी नहीं चलती है तो अखबारों में बयान देने के बजाय उन्हें तुरंत सरकार से समर्थन वापिस ले लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शराब और धान घोटाले को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की जाएगी और पूरा विश्वास है कि अदालत इसका संज्ञान लेगी और इनकी सीबीआई से जांच कराने का आदेश देगी।

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