Advertisement

रणवीर सेना खुलासे की जांच डीजीपी के जिम्मेः नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि रणवीर सेना के बारे में कोबरा पोस्ट के स्टिंग से हुए खुलासे की जांच के लिए वह राज्य के डीजीपी को लिखेंगे। डीजीपी स्टिंग के टेपों को देखकर कानून के अनुरूप कदम उठाएंगे। समाचार चैनल एबीपी न्यूज के कार्यक्रम प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश के कुछ चुनिंदा संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत में नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार पैकेज से लेकर भूमि सुधारों, लालू से गठबंधन, भाजपा नेताओं को भोज पर निमंत्रण के लिए बुलाकर अंतिम क्षण में भोज स्‍थगित करने जैसे मुद्दों पर खुलकर जवाब दिया।
रणवीर सेना खुलासे की जांच डीजीपी के जिम्मेः नीतीश

आउटलुक पाक्षिक के संपादक के कोबरा पोस्ट स्टिंग पर एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि उन्होंने कोबरा पोस्ट के स्टिंग को अभी देखा नहीं है। हां, उसकी चर्चा जरूर सुनी है। नीतीश ने कहा कि अब वह बिहार लौटने के बाद डीजीपी को पत्र लिखकर इस स्टिंग की जानकारी लेने और उसके बाद कानून के अनुसार कदम उठाने के लिए कहेंगे। नीतीश ने इस आरोप का भी खंडन किया कि रणवीर सेना के नरसंहारों की जांच के लिए गठित अमीरचंद आयोग को उन्होंने भंग किया था। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड साफ बताते हैं कि इस आयोग को उनके सत्ता संभालने से पहले बिहार में लगे राष्ट्रपति शासन के दौरान भंग किया गया था। ज्ञात हो कि कोबरा पोस्ट के स्टिंग में कई दलित नरसंहारों के आरोपी रणवीर सेना के मददगार के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और भाजपा के नेताओं जैसे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, सुशील मोदी, सीपी ठाकुर, मुरली मनोहर जोशी आदि नामों की चर्चा हुई है।

कल बिहार में दो कार्यक्रमों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि सबकुछ हवा में ही है। उन्होंने कहा कि आरा में जितने राजमार्गों का शिलान्यास किया गया है उन सभी का नक्‍शा तक तैयार नहीं है। पैकेज के तहत घोषित कई योजनाओं का एलाइनमेंट ही नहीं हुआ है। ऐसे में इस पैकेज का कोई महत्व नहीं है।

उनसे जब पूछा गया कि उनके पहले कार्यकाल के दौरान भूमि सुधारों के लिए गठित देबू बंद्योपाध्याय कमेटी की रिपोर्ट पर कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया तो उन्होंने कहा कि इस कमेटी की रिपोर्ट सरकार के पास है मगर इसे लागू करने से पहले नए सिरे सर्वे करवाना होगा ताकि यह पता चले कि लोगों के पास भूमि स्वामित्व की क्या स्थिति है। उसके बाद ही कुछ हो पाएगा।

एक सवाल के जवाब में बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बिहार का चुनाव जातिगत आधार पर नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में जाति सिर्फ मीडिया और कुछ राजनेताओं के दिमाग में है। हकीकत यह है कि चुनाव पूरी तरह विकास और बिहार की बेहतरी के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह बिहार में जातिवाद का जहर घोल रही है। नीतीश ने कहा कि जब भाजपा के साथ उनकी सरकार थी उसी समय इन लोगों ने बिहार में जगह-जगह जातिगत सम्मेलन आयोजित करना शुरू कर दिया था और जातियों के प्रतीकों को बढ़ावा देने लगे थे। नीतीश ने कहा कि हम लोगों को जोड़ने में जुटे थे मगर ये लोग समाज को जातिगत रूप से बांटने में लगे थे। भाजपा से रिश्ता तोड़ने के पीछे यह भी एक कारक था।

भाजपा के इस आरोप पर कि जंगलराज कहकर जिस लालू के शासन की वह आलोचना किया करते थे उन्हीं से गठजोड़ कर लिया, नीतीश ने माना कि वह लालू के शासन के आलोचना करते रहे हैं मगर यह भी जोड़ा कि यह चुनाव लालू नहीं उनके नेतृत्व में लड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि तब से लेकर अबतक परिस्थितियां बहुत बदल गई हैं। ऐसे तो आपातकाल के दौर में कांग्रेस विरोध में सारी पार्टियां एक साथ आई थीं जिसमें जनसंघ भी थी। वीपी सिंह की सरकार को वाम दलों के साथ-साथ भाजपा का समर्थन भी हासिल था। साफ है कि जब जैसी परिस्थिति हो वैसे कदम उठाने की जरूरत होती है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 8 महीने से लालू उनके साथ हैं, इस दौरान अगर बिहार में लालू राज की तुलना में अपराध होने शुरू हुए हों तो बताइये। ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी बातों को दोहराते रहने से कोई फायदा नहीं है।

मोदी द्वारा मुजफ्फरपुर की रैली में नीतीश के डीएनए का जिक्र जिस भोज के संदर्भ में किया था उसपर भी नीतीश ने आज चर्चा की। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता आरोप लगाते हैं कि पटना में भाजपा कार्यकारिणी बैठक के बाद उन्होंने भाजपा नेताओं के लिए आयोजित भोज अंतिम समय में रद्द कर दिया जबकि हकीकत यह है कि खुद भाजपा के कुछ स्‍थानीय नेताओं ने भोज में आने से इनकार कर दिया था। गौरतलब है कि मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने कोशी में आई भीषण बाढ़ के मद्देनजर बिहार को 5 करोड़ रुपये की मदद थी थी। जिस दिन भाजपा नेताओं को नीतीश ने भोज पर बुलाया था उसी दिन बिहार के अखबारों में पहले पन्ने पर एक विज्ञापन छपा था जिसमें नीतीश और मोदी की हाथों में हाथ डाले फोटो थी और बिहार को दी गई इस मदद के लिए मोदी को धन्यवाद दिया गया था। तब नीतीश हर संभव तरीके से मोदी से अपनी दूरी दिखाने में जुटे थे और भाजपा नेताओं का आरोप है कि इसी विज्ञापन से चिढ़कर उन्होंने भोज स्‍थगित कर दिया था। आज के कार्यक्रम में नीतीश ने कहा कि यह महज अफवाह है, दरअसल भाजपा नेताओं ने खुद ही आने से मना कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के बावजूद दोनों पार्टियों ने अगला चुनाव साथ में लड़ा था। तब तो किसी ने सवाल नहीं उठाया।

नीतीश कुमार से यह भी पूछ गया कि अगर उनका गठबंधन चुनाव जीत गया तो क्या देश में विपक्ष की राजनीति में बदलावा आएगा और अगर भाजपा जीत गई तो क्या होगा? उन्होंने कहा कि उनका निजी रूप से मानना है कि भाजपा जीती तो लोकतंत्र के लिए बुरा होगा। अगर उनका गठबंधन जीता तो राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष की राजनीति की एक प्रक्रिया को बल मिलेगा।

नीतीश कुमार आज एबीपी न्यूज के इस कार्यक्रम के अलावा आज दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित बिहार सम्मान सम्मेलन में भी हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मंच साझा कर रहे हैं।

 

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad