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भ्रष्‍टाचार में फंसे गोम्स को बनाया आप ने गोवा में सीएम उम्मीदवार

करीब चार साल पहले दिल्ली में एक नारा गूंजा करता था कि न भ्रष्टाचार करेंगे न करने देंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का रामलीला मैदान गवाह बना। दिल्ली के मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल ने उस आंदोलन को बाद में एक संगठित आवाज दी। दिल्‍ली में सरकार भी बनाई और अब गोवा में सरकार बनाने का सपना देख रहे हैं। लेकिन आप पार्टी का एक फैसला उनकी कथनी-करनी का भेद खोल रहा है।
भ्रष्‍टाचार में फंसे गोम्स को बनाया आप ने गोवा में सीएम उम्मीदवार

आप ने एल्विस गोम्स को गोवा में सीएम पद का अपना उम्मीदवार घोषित किया है। भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एसीबी की छापेमारी के बाद गोम्स ने स्वैच्छिक अवकाश ले लिया था। स्वैच्छिक अवकाश लेने से पहले गोम्स आइजी प्रिजन थे।

गोम्स ने आरोपों को खारिज किया है, और एसीबी के एफआईआर को बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा खंडपीठ में चुनौती दी है। एल्विस गोम्स एक आईएस अधिकारी रहे हैं। उन्होंने सरकार पर ब्यूरोक्रेट्स के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए जेल आईजी पद से इस्तीफा दे दिया था।

रामलीला मैदान से गूंजी आवाज को आम जन तक पहुंचाने के लिए आम आदमी पार्टी का गठन किया। पहली बार चुनाव में उतरी आप पार्टी को व्यापाक जनसमर्थन मिला और सबसे बड़े दल के तौर पर दिल्ली की राजनीति में दस्तक दी। संवैधानिक नियमों का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा ठोंका। लेकिन ये बात अलग थी कि जिस कांग्रेस पार्टी को वो दागदार बताया करते थे, सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन लेने से गुरेज नहीं किया।

एल्विस गोम्स पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने इसी साल जमीन आवंटन के मामले में छापेमारी की थी। एसीबी ने गोम्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद इस साल जुलाई  में उन्होंने स्वैच्छिक अवकाश की अर्जी दी थी। गोवा के उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डी सूजा ने कहा था कि वो ये नहीं बता सकते हैं कि गोम्स के वीआरएस के पीछे की वजह क्या है। गोम्स ही उस सिलसिले में बेहतर ढंग से बता सकते हैं।

2007 से 2011 के बीच मारगावो कस्बे में करीब तीन हजार वर्ग मीटर के लैंड कंवर्जन मामले में एसीबी ने गोम्स और पूर्व पर्यटन मंत्री लक्ष्मीकांत हालारनकर के खिलाफ एसीबी ने मुकदमा पंजीकृत किया था। मामला उस वक्त का है कि जब लक्ष्मीकांत हालारनकर गोवा हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष थे और गोम्स एमडी थे।एसीबी ने आरोप लगाया था कि अपने कार्यकाल के दौरान उन लोगों ने जमीन का अधिग्रहण कर उसे आवासीय क्षेत्र में बदलना ताकि जमीन के मालिक को फायदा मिल सके। हाउसिंग बोर्ड ने उस जमीन को रिहायश में बदलने के लिए लैंडयूज (बागवानी की जमीन को आवासीय क्षेत्र में) बदलाव कर दिया।

गोवा के उप मुख्यमंत्री डी सूजा ने कहा था कि वो पुख्ता तौर पर गोम्स के वीआरएस के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।जुलाई में जब वीआरएस के बारे में गोम्स से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया था। हालांकि गोवा में उस वक्त राजनीतिक चर्चा जोरों पर थी कि गोम्स आप पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

केजरीवाल ने हालांकि सीएम उम्मीदवार गोम्स की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि गोम्स को गोवा में प्रशासन चलाने का बीस साल का अनुभव है। वह प्रदेश के सबसे ईमानदार अफसरों में रहे हैं। उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है। गोवा की जनता जानती है कि उन्होंने प्रदेश को बचाने के लिए ही अपनी नौकरी छोड़ी है। हम उम्मीद करते हैं कि जनता उन्हें जरूर मुख्यमंत्री बनाएगी।

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