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सीएम अमरिंदर किसान संगठनों को बदनाम करने के लिए केंद्र के साथ तय मैच खेल रहे: शिरोमणी अकाली दल

शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार केंद्रीय...
सीएम अमरिंदर किसान संगठनों को बदनाम करने के लिए केंद्र के साथ तय मैच खेल रहे: शिरोमणी अकाली दल

शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसान संगठनों और पंजाबियों को बदनाम करने के लिए तय मैच खेल रही है।
 
कांग्रेस पार्टी की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी के विधायकों के साथ राजघाट पर प्रदर्शन करेंगे पर डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह नौटंकी के अलावा कुछ भी नही है। उन्होने कहा, ‘ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जानबूझकर केंद्र से संपर्क नही कर रहे हैं। इससे पहले वह रेलमंत्री तथा प्रधानमंत्री के पास जाने की बजाय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिख चुके हैं। अब भी केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने तथा मालगाड़ियों को तुरंत शुरू करवाने की बजाय मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि वह राष्ट्रपति से मिलने के लिए विधायकों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। अब यह पता चला है कि  राष्ट्रपति ने उन्हे मिलने का समय नही दिया है। मुख्यमंत्री को पंजाबियों को बताना चाहिए कि उन्होने विधायकों को गुमराह क्यों किया तथा वह कल से दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने की घोषणा करके अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश क्यों कर रहे हैं।
 
मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कि इस तरह के हथकंडों से सामाजिक अशांति पैदा होगी और पंजाब की अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी। डॉ. चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री को आवश्यकता पड़ने पर संबधित मंत्रियों और प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पंजाब की सभी मालगाड़ियों को फिर से शुरू किया जाए। ‘अगर वह ऐसा नही करते हैं और दिल्ली में नकली धरना देकर राजनीतिकरण करते हैं तो यह निःसंदेह साबित हो जाएगा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह मौजूद संकट का समाधान करने में रूचि नही रखते हैं और भाजपा हाईकमान द्वारा उन्हे सौंपे गए हिस्से को निभा रहे हैं।
 
चीमा ने मुख्यमंत्री को स्पष्ट करने को कहा कि यह सच है कि कांग्रेस पार्टी के कहने पर पंजाब विधानसभा द्वारा केंद्रीय कानूनों में किए गए संशोधनों से राज्य की दया पर खड़ा कर दिया है। ‘राज्य को एक प्रमुख मंडी के तहत बिल पारित करने की बजाय जैसा कि छत्तीसगढ़ ने किया था, पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय कानूनों में संशोधन करने की मांग की थी जो समवर्ती सूची में थे न कि राज्य के अधिकार क्षेत्र में थे। कांग्रेस सरकार  ऐसा करके केंद्र के हाथों की कठपुतली बन गई है।
 
दिल्ली में आगामी ‘धरने के बारे में बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पिछले चार साल से अपने सिसवां फार्म हाउस स्थित आवास पर खुद धरने पर बैठे थे। उन्होने कहा, ‘अब ऐसा लगता है कि जगह बदलकर दिल्ली कर दी गई है’। उन्होने कहा कि परिणाम वही होगा -‘‘कर्तव्यों में लापरवाही जिसके कारण पंजाबियों का नुकसान होगा। अकाली नेता ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे पब्लिसिटी स्टंट से दूर रहकर पंजाबियों की समस्याओं के समाधान के लिए काम शुरू करें।  चीमा ने कहा,‘ लोग ऐसा मुख्यमंत्री चाहते हैं जो धरना देने की बजाय उनकी शिकायतों पर कार्रवाई करे ।

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