महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आए थे लेकिन नौ दिन बाद भी सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। भाजपा और शिवसेना अपनी-अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। दोनों ही पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इसी बीच शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता से मुलाकात की। जिसे लेकर आशंका जताई जा रही है कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश कर रही है।
क्या राष्ट्रपति शासन की बात कहना चुने हुए विधायकों के लिए धमकी है?
वहीं, भाजपा नेता ने जल्द सरकार गठन न होने को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही। जिसपर शनिवार को शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'सत्ताधारी पार्टी के एक नेता कह रहे हैं कि यदि सरकार गठन में देरी होगी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। क्या यह चुने हुए विधायकों के लिए धमकी है?'
भाजपा-शिवसेना को छोड़कर सब एक-दूसरे से बात कर रहे हैं
शरद पवार से मुलाकात को लेकर राउत ने कहा कि भाजपा और शिवसेना को छोड़कर सब एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में जिस तरह की परिस्थिति पैदा हो गई है उसमें सभी राजनातिक पार्टियां एक-दूसरे से बात कर रही हैं। केवल शिवसेना-भाजपा बात नहीं कर रही हैं।'
राष्ट्रपति शासन को लेकर क्या कहा था भाजपा ने
हाल ही में भाजपा नेता सुधीर मुंगटीवार ने शुक्रवार को कहा कि यदि सात नवंबर तक सरकार नहीं बनती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। मुंगटीवार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, 'महाराष्ट्र की जनता ने किसी एक पार्टी को नहीं बल्कि महायुति (भाजपा-शिवसेना गठबंधन) को जनादेश दिया है। हमारा गठबंधन फेविकोल और अंबुजा सीमेंट से ज्यादा मजबूत है। एक निश्चित समय के अंदर नई सरकार का गठन होना जरूरी है वरना राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करना होगा।'
50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना
बता दें कि बीते भाजपा और शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। 24 अक्टूबर को आए नतीजों में भाजपा को 105 और एनसीपी को 56 सीटें मिली थीं। एनसीपी और कांग्रेस ने क्रमशः 54 और 44 सीटें हासिल की थी। बीते दिनों शिवसेना ने धमकी दी थी कि यदि दि भाजपा ने उसके 50-50 के फॉर्मूले पर गौर नहीं किया तो उसके पास दूसरे विकल्प भी खुले हैं।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही होगा- संजय राउत
यही नहीं शुक्रवार को संजय राउत ने संवाददाताओं के सामने यह भी दावा किया था कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही होगा। हालांकि, सीएम फडणवीस भी संकेत दे चुके हैं कि भाजपा सीएम पद से पीछे नहीं हटने वाली है।