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प्रियंका की राजनीति में एंट्री पर अखिलेश ने जताई खुशी, बोले- नए लोगों को राजनीति में आना चाहिए

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी महासचिव बनाने के साथ पूर्वी...
प्रियंका की राजनीति में एंट्री पर अखिलेश ने जताई खुशी, बोले- नए लोगों को राजनीति में आना चाहिए

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी महासचिव बनाने के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद से पक्ष-विपक्ष की तरफ से बयानबाजी जारी है। एक ओर कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता इस फैसले से उत्साहित हैं तो विपक्षी नेता तंज कसने से बाज नहीं आ रहे हैं। इन सबके बीच आज समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रियंका गांधी का राजनीति में स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि नए लोगों को राजनीति में आना चाहिए।

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में एसपी और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के गठबंधन में कांग्रेस को जगह न मिलने के बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने का फैसला किया।

प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाए जाने के फैसले पर शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राजनीति में जवान लोगों को ज्यादा मौके दिए जाने की जरूरत है। समाजवादी पार्टी इस फैसले से खुश है कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को मौका दिया है। अखिलेश ने इसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक सही फैसला बताते हुए उन्हें मुबारकबाद दी है।

प्रियंका कांग्रेस के लिए 'ट्रंप कार्ड': शिवसेना

इससे पहले शुक्रवार को महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दल शिवसेना के संजय राउत ने प्रियंका गांधी को कांग्रेस के लिए 'ट्रंप कार्ड' बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को सही समय पर उनकी नियुक्ति हुई है और वह कांग्रेस के लिए 'ट्रंप कार्ड' हैं।  

 ‘प्रियंका की नियुक्ति यूपी में सपा-बसपा को डराने के लिए की गई

वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रियंका गांधी की नियुक्ति यूपी में सपा और बसपा को डराने के लिए की गई है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रियंका ने राजनीति में एंट्री रॉबर्ट वाड्रा के प्रतिनिधि के रूप में की है ताकि रॉबर्ट वाड्रा द्वारा किए गए घोटाले को छुपा सकें।

खूबसूरत चेहरों के दम पर वोट नहीं जीते जा सकते

एनडीए के एक और सहयोगी जेडीयू के नेता और नीतीश कुमार के मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि खूबसूरत चेहरों के दम पर वोट नहीं जीते जा सकते। इससे भी बढ़कर तथ्य यह है कि वह रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी हैं, जिन पर भूमि घोटाले और भ्रष्टाचार के कई मामलों में शामिल होने का आरोप है। वह बेहद खूबसूरत हैं, लेकिन उसके अलावा उनकी कोई राजनैतिक उपलब्धि नहीं है।

भाजपा ने की राहुल गांधी की आलोचना

वहीं, प्रियंका की कांग्रेस में एंट्री पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राहुल गांधी की आलोचना की है। भाजपा के नेता एक के बाद लगातार प्रियंका के राजनीति में आने पर बयान दे रहे हैं और इसे परिवारवाद का एक उदाहरण करार दे रहे हैं।

कांग्रेस ने साबित कर दिया है कि वह एक परिवार की पार्टी है: योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि प्रियंका गांधी को लाकर कांग्रेस ने साबित कर दिया है कि वह एक परिवार की पार्टी है। इससे पहले प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री भी इशारे से या खुलकर प्रियंका पर निशाना साध चुके हैं।

प्रियंका के हाथ में पूर्वी उत्तर-प्रदेश की कमान

कांग्रेस में प्रियंका गांधी को महासचिव बनाया गया है और उनको पूर्वांचल की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस सहित कई लोगों का मानना है कि कांग्रेस की ओर से किया गया यह फैसला पार्टी को उत्तर प्रदेश में अच्छी-खासी सफलता दिला सकता है। कांग्रेस के कई कार्यकर्ता भी समय-समय पर प्रियंका को उत्तर प्रदेश में लाने की मांग करते रहे हैं। यह कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा है। प्रियंका अब तक भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र तक सीमित थीं। अब उन्हें प्रभारी नियुक्त किया गया है।

फरवरी में कार्यभार संभालेंगी प्रियंका

प्रियंका फरवरी के पहले सप्ताह में कार्यभार संभालेंगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को संगठन महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो पहले की तरह कर्नाटक के प्रभारी की भूमिका निभाते रहेंगे।

पूर्वी उत्तर प्रदेश का गणित

पूर्वी उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस क्षेत्र में 21 जिले हैं, जिनमें लोकसभा की 26 और विधानसभा की 130 सीटें हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश खासकर भोजपुरी भाषी बेल्ट है। इस क्षेत्र की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है, अभी तक पांच प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, चंद्रशेखर और नरेंद्र मोदी पूर्वी उत्तर प्रदेश से ही आए हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी और आजमगढ़ जैसी सीटें आती है।

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