Advertisement

संसद में उठा महंगे हिंदी एसएमएस का मुद्दा

अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी में मैसेज भेजना समाज के एक बड़े तबके के लिए सुविधाजनक होता है मगर मुश्किल यह है कि अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी में एसएमएस संदेश में चूंकि ज्यादा की स्ट्रोक इस्तेमाल होती है इसलिए एक ही संदेश के लिए अंग्रेजी की बनिस्पत हिंदी में ज्यादा पैसे खर्च होते हैं। अब इस चिंता को संसद में भी व्यक्त किया गया है।
संसद में उठा महंगे हिंदी एसएमएस का मुद्दा

हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के क्रम में सांसद श्री पी.पी. चौधरी ने आज संसद में सदन के माध्यम से मोबाईल नेटवर्क कंपनियों को निर्देश देकर हिंदी भाषा में लिखे जाने वाले एसएमएस शुल्क को आधा किये जाने की मांग उठाई।

बजट सत्र के दौरान आज पहली मार्च को पाली के सांसद श्री पी.पी. चौधरी ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने हेतु एक महत्वपूर्ण प्रश्न संसद में उठाया। अपने प्रश्न में सांसद ने कहा कि आज का युग मोबाईल क्रांति का युग है, ऐसे में हम समय की बचत हेतु अपने संदेश मोबाईल पर एसएमएस, व्हाट्सएप, ई-मैसेज आदि के माध्यम से भेजते हैं। चूंकि ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले लोग इंटरनेट सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। वे अपना संदेश मोबाईल के माध्यम से एसएमएस, व्हाट्सएप, ई-मैसेज आदि के द्वारा भेजते हैं। यहां तक कि सरकारी सूचनाएं व जानकारियां जैसे मौसम विभाग व विभाग आदि की ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वालों को संदेश द्वारा ही भेजी जाती है। ग्रामीण परिवेश के लोगों में शिक्षा की कमी के कारण वे अपना संदेश अंग्रेजी भाषा की बजाय हिंदी में करना बेहतर मानते हैं।

मोबाईल कंपनियों द्वारा संदेश सेवा को छोड़कर सभी सेवाओं के लिए समान शुल्क वसूल किया जाता है लेकिन हिंदी भाषा में ज्यादा कीस्ट्रोक काम में लिए जाने के कारण उसका शुल्क ज्यादा वसूला जाता है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को इस सुविधा का फायदा लेने हेतु ज्यादा धनराशि खर्च करनी पड़ती है। ऐसे में यदि सरकार मोबाईल नेटवर्क कंपनियों को इस तरह के निर्देश दे कि हिंदी भाषा में लिखे जाने वाले एसएमएस का शुल्क आधा वसूला जाए तो लोगों को इसका ज्यादा फायदा होगा।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad