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मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, 126 के मुकाबले पड़े 325 वोट

विपक्ष द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को लोकसभा में गिर गया।...
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, 126 के मुकाबले पड़े 325 वोट

विपक्ष द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को लोकसभा में गिर गया। प्रस्ताव के खिलाफ 325 वोट पड़े जबकि पक्ष 126 में वोट पड़े। वोटिंग के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी घोषणा की। इससे पहले दिन भर चले बहस के दौरान सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने एक-दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा राफेल विमान सौदे पर सवाल उठाने को लेकर सदन में हंगामा भी हुआ। वोटिंग से पहले बिहार के पप्पू यादव ने सदन का बायकॉट किया। शिवसेना और बीजद भी वोटिंग से अलग रहे।

अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले चार साल में देश में हुए विकास के इतने कार्यों के बावजूद ‘अहंकार’ के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सवा सौ करोड़ देशवासियों ने चुना है और ‘यहां से कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है।’ उन्होंने कहा कि न्याय दिलाने के लिए उनकी सरकार मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़ी है।

राफेल सौदे को लेकर राहुल के बयान के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दो जिम्मेदार सरकारों के बीच सौदा है, दो कारोबारी पार्टियों के बीच नहीं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर तो ‘यह बचकाना रवैया’ नहीं अपनाएं। मोदी ने कहा कि हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्याबल है। हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है। उन्होंने अपने भाषण में यह कविता भी कही, ‘‘न माझी, न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है।’’

उन्होंने कहा कि18 साल पहले अटली जी की सरकार ने तीन राज्यों का गठन किया- उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़। तीनों राज्य शांति से प्रगति कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक लाभ पाने के लिए आपने आंध्र और तेलंगाना का गठन किया। उस समय मैंने कहा था तेलुगू हमारी मां है। लेकिन आंध्र और तेलंगाना का बंटवारा सही ढंग से नहीं किया गया जिसकी वजह से समस्या हो रही है।

उन्होंने अपने संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर विशेष निशाना साधा। राहुल गांधी द्वारा अपने पास आकर गले मिलने के घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ। मैं हैरान हूं कि सुबह चर्चा शुरू हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय पराजय का फैसला भी नहीं हुआ लेकिन उन्हें यहां पहुंचने का इतना उत्साह है कि आकर (मुझसे) बोले, उठो उठो।’ उन्होंने कहा, ‘यहां कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है। सवा सौ करोड़ देशवासी उठा सकते हैं। इतनी जल्दबाजी क्या है।’ उन्होंने कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा। इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए।’’ मोदी ने कहा, ‘‘अहंकार ही कहता है कि हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री 15 मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किए हैं, उस पर अड़ा भी हूं।’’

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा आंख में आंख डालने की चुनौती पर कहा कि आप नामदार हैं और हम कामदार, हम आपकी आंख में आंख डालने की हिम्मत नहीं कर सकते। आज पूरा देश देख रहा ता टीवी पर आंखों का खेल। कैसे आंखें खोली जा रही हैं, कैसे बंद की जा रही हैं। मोदी ने कहा कि एक गरीब मां का बेटा, पिछड़ा हुआ कैसे आपकी आंख में आंख डाल सकता है। इतिहास गवाह है सुभाषचंद्र बोस, मोरारजी देसाई, जेपी के साथ कांग्रेस ने क्या किया। चौधरी चरण सिंह उनके साथ क्या किया। सरदार पटेल के साथ क्या किया। प्रणब मुखर्जी ने आंख में आंख डालने की कोशिश की तो क्या किया। शरद पवार ने आंख में आंख डाली तो क्या किया आपने।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहा। कांग्रेस अगर गाली देना चाहती है तो मोदी गाली सुनने के लिए तैयार है लेकिन कांग्रेस पार्टी देश के लिए मर मिटने वाले जवानों को गाली देना बंद करे। कांग्रेस पार्टी आज फिर से स्थिर जनादेश को अस्थिर करने के प्रयास कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक है। भले ही यह तेदेपा के माध्यम से आया हो लेकिन उनके साथ जुड़े हुए कुछ अन्य सदस्यों ने भी इसके समर्थन में बात कही है तो एक बड़े वर्ग ने इसके विरोध में कुछ बात कही हैं। उन्होंने सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने पिछले चार साल में जिस गति से काम किया है, उसके काम पर विश्वास जताएं। मोदी ने कहा कि इससे हमें अपनी बात करने का मौका तो मिल ही रहा है, साथ ही देश को देखने को मिल रहा है कि विपक्ष में कैसी नकारात्मकता है, विकास के प्रति कितनी नकारात्मक सोच है। उन सबका चेहरा निखरकर सजधज कर बाहर आया है।

उन्होंने कहा कि कभी तो लगता है कि आज उनके (विपक्षी दलों के) सारे भाषण, उनका व्यवहार अज्ञानवश नहीं है। यह झूठे आत्मविश्वास के कारण भी नहीं। अहंकार इस प्रकार की प्रवृत्ति के लिए खींच लाया। मोदी ने कहा कि विपक्ष को हमारे इतने सारे विकास कार्यों, योजनाओं पर विश्वास नहीं है।

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