Advertisement

कौन हैं केंद्रीय मंत्री राणे, जो कभी थे शिवसेना में ठाकरे के सबसे करीबी, अब CM उद्धव को 'थप्पड़' मारने की बात पर हुए गिरफ्तार

देश की राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। इसी में से एक नाम अब नारायण राणे का है जो मोदी मंत्रिमंडल...
कौन हैं केंद्रीय मंत्री राणे, जो कभी थे शिवसेना में ठाकरे के सबसे करीबी, अब CM उद्धव को 'थप्पड़' मारने की बात पर हुए गिरफ्तार

देश की राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। इसी में से एक नाम अब नारायण राणे का है जो मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद केंद्रीय मंत्री बनाए गए हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विवादित टिप्पणी करते हुए मारने की बात कह डाली। उन पर दर्ज एफआईआर के बाद उन्हें रत्नागिरी से गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसे भाजपा ने असंवैधानिक करार दिया है। 

ये वही नरायण राणे हैं जो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वहीं, ये बालासाबेह ठाकरे के सबसे करीबी में से एक माने जाते थे। अक्टूबर 2019 में अपनी महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी का बीजेपी में विलय कर वे भाजपा में शामिल हो गए थे। अभी वे राज्यसभा सांसद हैं। राणे का सियासी सफर  शिवसेना से शुरु हुआ था।

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी को नड्डा ने बताया असंवैधानिक, बोले- इस तरह की कार्रवाई से ना तो डरेंगे, ना दबेंगे

शिवसेना में वे युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय थे और उनकी यही खूबी बालासाहेब ठाकरे को बहुत पसंद थी जिसके बाद उन्हें चेंबूर का प्रमुख बना दिया गया। 1985 से 1990 तक वे कॉरपोरेटर रहे और 1990 में वे पहली बार विधायक बन गए।

शिवसेना से होते हुए कांग्रेस और फिर भाजपा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज मराठी नेता नारायण राणे बीजेपी में शामिल हुए थे। वो साल 1999 को शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार में मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, वे 1999 तक ही वो मुख्यमंत्री के पद पर रहे। शिवसेना से उनके रिश्तों में तब खटास आने लगी जब उद्धव ठाकरे को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई। 

धीरे-धीरे वो पार्टी के भीतर उपेक्षित महसूस करने लगे और 2005 में वे शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि, फिर उन्हें एक लंबे समय के लिए कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया और फिर वो वापस पार्टी में आए और कांग्रेस की पृथ्वीराज च्वहाण सरकार में मंत्री बने। लेकिन, कुछ समय बाद उन्हें 2017 में पार्टी छोड़ दी अपनी अलग महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी बना ली।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad