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हम लोगों के पास जाकर उन्हें बताएंगे कि भाजपा कैसे संविधान के खिलाफ जा रही है: सिद्धारमैया

कर्नाटक में भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उन्हें अब 15 दिन के भीतर...
हम लोगों के पास जाकर उन्हें बताएंगे कि भाजपा कैसे संविधान के खिलाफ जा रही है: सिद्धारमैया

कर्नाटक में भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उन्हें अब 15 दिन के भीतर बहुमत साबित करना होगा। इसे लेकर कांग्रेस-जेडीएस भाजपा पर जमकर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा पर तीखे हमले किए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सिद्धारमैया ने कहा, “मामला अदालत के समक्ष लंबित है। हम लोगों के पास जाएंगे और हम उन्हें बताएंगे कि बीजेपी संविधान के खिलाफ कैसे जा रही है।”

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के हस्तक्षेप से राज्यपाल ने संविधान का एनकाउंटर किया है, कानून की धज्जियां उड़ा दी गई हैं। राज्यपाल ने कर्नाटक में भाजपा की ऐसी सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दिया है जिसके पास न बहुमत है, न जनमत है।

सुरजेवाला ने कहा कि मोदी, अमित शाह और वजुभाई की तिकड़ी कितना भी षड़यंत्र कर लें लेकिन सफल नहीं हो सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल बीजेपी के मुखौटे के रूप में काम कर रहे हैं, न कि संविधान की रक्षक के तौर पर। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल को अपने पद पर एक दिन भी रहने का अधिकार नहीं है।

बता दें कि भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार की सुबह 9 बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें राज्यपाल वजूभाई वाला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। येदियुरप्पा ने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली है। बता दें कि राज्यपाल  ने बुधवार की शाम बीएस येदियुरप्पा को नई सरकार गठित करने और गुरुवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया था। येदियुरप्‍पा को 15 दिन में बहुमत साबित करना होगा। इससे पहले सरकार बनाने को लेकर मचे हंगामे पर सुप्रीम कोर्ट में सुबह 4:20 बजे तक सुनवाई चली। कांग्रेस-जेडीएस ने राज्यपाल वजूभाई वाला की ओर से भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने के फैसले के खिलाफ अर्जी लगाकर उस पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस फैसले पर रोक से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे की सुनवाई कल सुबह 10:30 कर सकता है। 

कर्नाटक में 222 सीटों पर मतदान हुआ था।  बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन चाहिए। जेडीएस और कांग्रेस ने राज्यपाल को 117 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था। इसमें 78 कांग्रेस, 37 जेडीएस, एक बसपा और एक निर्दलीय विधायक के हस्ताक्षर हैं।जबकि भाजपा के पास सिर्फ 104 विधायक हैं।

 

 

 

 

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