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सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम की तर्ज पर हो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी और बीजेपी के बीच तल्खी बनी हुई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता...
सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम की तर्ज पर हो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी और बीजेपी के बीच तल्खी बनी हुई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ईवीएम को लेकर लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही हैं। इसके खिलाफ उन्होंने आंदोलन का भी ऐलान किया है। इसी सिलसिले में ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट की तर्ज पर कोलेजियम द्वारा होनी चाहिए।

प्रशांत किशोर को अपना चुनावी रणनीतिकार बनाए जाने की खबरों पर ममता ने कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। यह आंतरिक मामला है। साथ ही उन्होंने कहा कि 11 जून को ईश्वरचंद्र विद्यासागर की तोड़ी गई मूर्ति की जगह उनकी नई मूर्ति लगाई जाएगी। 

इससे पहले ममता बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने से भी इनकार कर दिया। 15 जून को राजधानी दिल्ली में होने जा रही नीति आयोग की बैठक में वह हिस्सा नहीं लेंगी। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर उन्हें इस बात की जानकारी दी है। इससे पहले ममता बनर्जी ने अंतिम समय पर पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से मना कर दिया था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए कहा है कि नीति आयोग के पास वित्तीय अधिकार नहीं है और न ही राज्य की मदद करने का आयोग के पास कोई अधिकार है। ऐसे में मीटिंग में शामिल होना मेरे लिए निरर्थक है।

पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में आने से ममता ने किया था इनकार

इससे पहले ममता बीजेपी पर शपथ ग्रहण में सियासत का आरोप लगाते हुए पीएम के शपथग्रहण समारोह का हिस्सा नहीं बनी थीं। पत्र में ममता ने लिखा था, 'नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी आपको बधाई! 'संवैधानिक आमंत्रण' पर मैंने शपथ ग्रहण में शामिल होने का फैसला किया था। हालांकि, पिछले कुछ घंटे में मीडिया रिपोर्ट में मैंने देखा कि बीजेपी दावा कर रही है कि बंगाल में 54 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। यह पूरी तरह से झूठ है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। संभव है कि यह हत्या पुरानी रंजिश, पारिवारिक झगड़े या फिर किसी और रंजिश में हुई हो। इसमें राजनीति का कोई संबंध नहीं है और न ही हमारे रेकॉर्ड में ऐसा कुछ है।' वहीं अब ममता ने 15 जून को होने वाली नीति आयोग की बैठक में आने से मना कर दिया है। 

बीजेपी और टीएमसी के बीच देखने को मिल रही है तल्खी 

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के शुरू होने के साथ ही बीजेपी और टीएमसी के बीच तल्खी देखने को मिली। चुनावों के बीच यह तल्खी और बढ़ी। प्रदेश में लगातार हिंसा को लेकर जहां दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया, वहीं 'जय श्रीराम' और 'जय बांग्ला' जैसे नारों पर भी तकरार दिखा। इस बीच बीजेपी की तरफ से ममता बनर्जी को जय श्रीराम लिखे हजारों पोस्टकार्ड भी भेजे गए हैं।

 


लोकसभा चुनाव के दौरान ममता ने की केन्द्र सरकार की आलोचना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लगातार केन्द्र सरकार की आलोचना की थी। वहां की 42 लोकसभा सीटों में बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में शानदार 18 सीटें मिली है, जिसने 2014 के चुनाव में सिर्फ 2 सीट जीती थी। जबकि, ममता के गढ़ बंगाल में उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है।

टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हुए कई नेता

उसके बाद से टीएमसी के कई नेताओं ने पार्टी छोड़कर बीजेपी के ज्वाइन किया है। हाल ही में बीजेपी नेता मुकुल रॉय के बेटे ने टीएमसी का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है। उसके बाद से टीएमसी के कई नेता बीजेपी के पाले में आए हैं। जिसे पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

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