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किसान नेताओं की हो सकती गिरफ्तारी; विदेश जाने पर लगी रोक, नोटिस जारी कर तीन दिन में मांगा जवाब

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा और लाल किले पर धार्मिक ध्वज फहराए...
किसान नेताओं की हो सकती गिरफ्तारी; विदेश जाने पर लगी रोक, नोटिस जारी कर तीन दिन में मांगा जवाब

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा और लाल किले पर धार्मिक ध्वज फहराए जाने की घटना के बाद से पुलिस ने किसान नेताओं पर शिंकजा कस दिया है। इधर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि बुधवार की रात उनके रेवाड़ी स्थित घर को घेरे जाने के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर धमकियां दी जा रही हैं। उधर किसान नेताओं पर मामले दर्ज किए जाने के बाद पुलिस की अगली तैयारी नेताअों की गिरफ्तारी की है। इससे पहले गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने 20 किसान नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करते हुए कड़ी कार्रवाई से पहले जारी कारण बताओ नोटिस में अगले तीन में इन नेताओं से जवाब मांगा है कि हिंसा के लिए लोगों को भड़काने के आरोप में क्यों न उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए? जिन किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए। यानी वे बिना इजाजत विदेश नहीं जा सकेंगे, उनके पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे। 

किसान संगठनों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिन 37 नेताओं के खिलाफ पुलिस ने बुधवार को एफआईआर दर्ज की थी, उनमें से ही 20 के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए गए हैं। पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, 3 दिन में इसका जवाब दें। जिन नेताओं को नोटिस दिए गए हैं उनमें  राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल,गुरनाम सिंह चढूनी और जगतार सिंह बाजवा हैं। किसान नेताओं को भेज गए नोटिस में  पुलिस ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में तोड़फोड़ करना एक देश विरोधी हरकत है और इसके लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा किसान आंदोलन हिंसा के बाद बिखरता नजर आ रहा है। एक तरफ पुलिस उपद्रवियों और किसान नेताओं की घेराबंदी करने में जुटी है, तो दूसरी तरफ किसान संगठनों में फूट हो गई। किसान नेता वीएम सिंह के राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने आंदोलन से अलग होने का एलान किया है। तनाव के हालात में सिंघू,टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे सयुंक्त किसान मौर्चे से जुड़े किसान संगठनों ने भी  एक फरवरी का संसद मार्च टालने का ऐलान भी कर दिया। किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए बवाल में सबसे ज्यादा निंदा लाल किले पर हुड़दंग की हो रही है। किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा लगाने वाले एक युवक की पहचान पंजाब के तरनतारन के वां-तारा सिंह गांव के जुगराज सिंह (22) के रुप में हुई है।

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