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राहुल का वार, मोदी विरोध करने वालों को पसंद नहीं करते

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सिंगापुर के ली क्वान ए स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में ‘इंडिया ऐट 70’...
राहुल का वार, मोदी विरोध करने वालों को पसंद नहीं करते

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सिंगापुर के ली क्वान ए स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में ‘इंडिया ऐट 70’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जम कर हमला बोला। उन्होंने इशारों में कहा कि विरोध करने वालों को मोदी पसंद नहीं करते। राहुल ने कहा कि मुझे उन लोगों से भी प्यार करने की शिक्षा दी गई है जो मुझे पसंद नहीं करते। मेरी उनसे भी कोई दुश्मनी नहीं है जो मेरा विरोध करते हैं। यही वह चीज है जो मुझे प्रधानमंत्री मोदी से अलग करती है।


कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा कल्पना किया गया भारत वह था, जहां हर कोई अपने धर्म, जाति और भाषा के आधार पर घर जैसा महसूस करता था। लेकिन आज उस विचार को अब चुनौती दी जा रही है। महात्मा गांधी के अनुसार अंतिम व्यक्ति तक शक्ति का विकेंद्रीकरण होना ही स्वराज का अर्थ है।


राहुल ने कहा कि घृणा और गुस्से का इस्तेमाल कुछ लोग इंसानों को बांटने और चुनाव जीतने के लिए कर रहे हैं। जबकि, हमारी सोच लोगों को साथ लाने की है। उऩ्होंने कहा कि आप लोगों के साथ जुड़ते हैं, आप लोगों को साथ लाते हैं, आप लोगों के साथ काम करते हैं, आप लोगों पर भरोसा करते हैं यह काम करता है। मैंने खुद के लिए इसे महसूस किया है।


उन्होंने कहा कि हम शुरुआत से ही भाजपा और आरएसएस से लड़ रहे हैं। अभी भारत में राजनीति का एक बड़ा ही गंदा स्वरूप जड़ें जमा रहा है। हम राजनीति के इस गंदे स्वरूप से लड़ाई लड़ेंगे और अगले चुनाव में भाजपा को परास्त करेंगे।


कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की विदेश नीति से मुझे एक शिकायत है कि यह रणनीतिक होने के बजाय प्रासंगिक है। भारत को चीन के साथ शांतिपूर्ण, सहकारपूर्ण संबंध रखना होगा।


अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस प्रमुख ने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा पंचायती राज की स्थापना के जरिये राजनीति में महिला सशक्तिकरण की नींव रखी गई थी। हमने महिला आरक्षण बिल को लोकसभा और राज्यभा में पारित करने के काई बार प्रयास किया पर दूसरी पार्टियों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की राजनीति में भूमिका नहीं होना त्रासदी के जैसा है।


सिंगापुर में लोगों की मौजूदगी पर उन्होंने कहा कि संभवतः, स्वतंत्र भारत में हमारे द्वारा बनाए गए आइआइटी जैसे शैक्षणिक संस्थानों के कारण आप में से बहुत यहाँ बैठे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की सफलता भारतीय लोगों की वजह से है, लेकिन कांग्रेस पार्टी का इस सफलता में हिस्सा नहीं है, इसको सोचने के लिए एक नई किताब लिखनी होगी।


राहुल ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के समय हमारी कश्मीर की नीति लोगों को जोड़ने की थी। जब 2004 में संप्रग सत्ता में आई थी तब हमें जलता हुआ जम्मू-कश्मीर मिला था। हमने योजना बनाई और इस पर नौ साल तक काम किया। उन्होंने कहा कि 2014 में जब मैं जम्मू-कश्मीर गया तो मैंने खुद को दुःखी पाया। मैंने देखा कि एक गलत राजनीतिक निर्णय नीति-निर्माण को सालों तक प्रभावित कर सकता है।


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