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दिल्ली की सात सीटों पर वोटिंग शुरू, क्या होगा त्रिकोणीय मुकाबला

देश की राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग जारी है। यह चुनाव भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी...
दिल्ली की सात सीटों पर वोटिंग शुरू, क्या होगा त्रिकोणीय मुकाबला

देश की राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग जारी है। यह चुनाव भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के साथ ही दिग्गजों के लिए अस्तित्व की लड़ाई है। कांग्रेस और भाजपा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सीटों का आंकड़ा बढ़ाने के लिए ही यह चुनाव जरूरी नहीं है बल्कि इसके कई और सियासी मायने भी हैं। कांग्रेस 2013 में सत्ता से बेदखल होने के बाद राजधानी में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है तो भाजपा 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले इसे सेमीफाइनल मान रही है। वहीं, 'आप' की राज्य में सरकार है, ऐसे में यहां का चुनाव उसके लिए भी साख का विषय है। यानी दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें जीती थीं और केंद्र में मोदी की सरकार बनी थी तो 2009 में दिल्ली की जनता ने कांग्रेस के प्रति अपना विश्वास जताया था और सातों सीटें पार्टी की झोली में दी थी। यानी दिल्ली में हार जीत का इतिहास बदलता रहा है। 

हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों से हुआ रोचक मुकाबला

इस बार दिल्ली की चुनावी जंग की रोचकता हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से भी बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्री डा हर्षवर्धन, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जे पी अग्रवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर, मुक्केबाज विजेंद्र सिंह,पंजाबी गायक हंस राज हंस, आप के पूर्व प्रदेश संयोजक दिलीप पांडेय जैसे दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 

आइए जानें दिल्ली की सातों सीटों के उम्मीदवारों के बारे में

नई दिल्ली

इस सीट पर आप के बृजेश गोयल, कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और भाजपा की मौजूदा सांसद मीनाक्षी लेखी मैदान में हैं। अजय माकन लगातार तीन बार दिल्ली से विधायक बनने वाले अजय माकन दिल्ली सरकार में मंत्री भी रहे हैं। 2004 व 2009 में लगातार दो बार लोकसभा सांसद बने और केंद्रीय मंत्रिमंडल का भी हिस्सा बने। भाजपा की मीनाक्षी लेखी पेशे से एक वकील भी हैं। साल 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव में मीनाक्षी लेखी को मौका मिला और उन्होंने कांग्रेस के अजय माकन को हराया था।

चांदनी चौक

यहां आप के पंकज गुप्ता, भाजपा से केंद्रीय मंत्री डा हर्षवर्धन और कांग्रेस के जे पी अग्रवाल मैदान में हैं। जे पी अग्रवाल कुल चार बार लोकसभा सांसद रहे हैं। 2007 में उन्होंने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पद की जिम्मेदारी भी संभाली। हालांकि, 2014 में वो मोदी लहर में उत्तर पूर्व सीट से हार गए थे। डा हर्षवर्धन दिल्ली राज्य से लेकर केंद्र तक कई अहम जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं। इन्हें दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में गिना जाता है।

पूर्वी दिल्ली

यहां आप की आतिशी, भाजपा से क्रिकेटर गौतम गंभीर और कांग्रेस अरविंदर सिंह लवली के बीच मुकाबला है। आतिशी पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य होने के साथ ही दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री की सलाहकार भी रह चुकी हैं। लवली 1998 से 2013 तक लगातार विधायक बने और शीला दीक्षित सरकार में मंत्री पद पर रहे। वे प्रदेश इकाई में अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। हालांकि, बीच में उन्होंने पार्टी से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए थे। क्रिकेटर गौतम गंभीर पहली बार सियासी पारी की ओपनिंग करने जा रहे हैं।

पश्चिमी दिल्ली

इस सीट पर आप के बलबीर सिंह जाखड़, कांग्रेस से महाबल मिश्रा और भाजपा के प्रवेश वर्मा मैदान में हैं। पार्षद के बाद नसीरपुर विधानसभा से विधायक बनकर प्रदेश कांग्रेस के पूर्वांचल का चेहरा बने महाबल मिश्रा को दिल्ली का लालू यादव भी कहा जाता है। 2009 में वे पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। मौजूदा सांसद प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। राजनीति इन्हें विरासत में मिली है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली

यहां आप से दिलीप पांडेय, कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और भाजपा से प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी मैदान में हैं। दिलीप पांडेय अन्ना हजारे के एंटी करप्शन मूवमेंट में शामिल थे और आम आदमी पार्टी बनने के बाद वह पार्टी से जुड़ गए। शीला दीक्षित पहली बार 1984 में कन्नौज सीट से चुनाव लड़ी थीं। इसके बाद 1998 में वे नई दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। शीला दीक्षित लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनकर दिल्ली की राजनीति में पंद्रह साल तक सक्रिय रहीं। मनोज तिवारी भाजपा ने 2014 में यहां से मनोज तिवारी को मैदान में उतारा था। उन्होंने आप पार्टी के उम्मीदवार प्रो. आनंद कुमार को करीब सवा लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था।

दक्षिणी दिल्ली

यहां आप से राघव चढ्डा, कांग्रेस से मुक्केबाज विजेंद्र सिंह और भाजपा से मौजूदा सांसद रमेश विधूड़ी के बीच मकाबला है। हरियाणा पुलिस में डीएसपी पद पर तैनात पेशेवर मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए थे। 2008 में विजेंद्र ने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद हुड्डा सरकार ने उन्हें प्रोन्नति दे दी थी। मौजूदा सांसद रमेश बिधूड़ी दूसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। बिधूड़ी तुगलकाबाद क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं।

उत्तर-पश्चिम (सुरक्षित)

यहां आप के गुग्गन सिंह, कांग्रेस से राजेस लिलौठिया और भाजपा से पंजाबी गायक हंस राज हंस मैदान में हैं। गुग्गन सिंह पार्टी में शामिल होने से पहले बवाना से भाजपा के विधायक थे। लिलौठिया प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। 2004-2013 तक विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने दलित नेता उदित राज का टिकट काटकर पंजाबी गायक हंस राज हंस को मैदान में उतारा है। हंस राज हंस का नाम सबसे आखिरी में घोषित किया गया था।

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