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क्‍यों हुई मोदी के इन मंत्र‍ियों की छुट्टी, जानिए 5 बड़े कारण

मई 2014 में मोदी सरकार के केंद्र में सत्ता संभालने के बाद यह मंत्रिमंडल में तीसरा फेरबदल होगा। मंत्रिमंडल में सहयोगी दल शिवसेना और जेडीयू के शामिल होने पर अभी भी संशय बरकरार है।
क्‍यों हुई मोदी के इन मंत्र‍ियों की छुट्टी, जानिए 5 बड़े कारण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार रविवार सुबह 10 बजे होगा। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के लिए राष्ट्रपति भवन में तैयारियां कर ली गईं हैं।

मंत्रिमंडल में फेरबदल में कुछ सहयोगी दलों समेत कुछ नये चहरे शामिल हो सकते हैं। मई 2014 में मोदी सरकार के केंद्र में सत्ता संभालने के बाद यह मंत्रिमंडल में तीसरा फेरबदल होगा। संभवत: यह इस कार्यकाल का आखिरी विस्तार होगा। मंत्रिमंडल में सहयोगी दल शिवसेना और जेडीयू के शामिल होने पर भी संशय बरकरार है। वहीं तमिलनाडु में सत्‍तारूढ़ अन्‍नाद्रमुक की तरफ से भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।

मोदी के मंत्रिमंडल के फेरबदल और विस्तार से पहले 6 केंद्रीय मंत्री अपना इस्तीफा दे चुके है। इस्तीफा देने वालों में राजीव प्रताप रूडी, संजीव कुमार बालियान, फग्गन सिंह कुलस्ते, महेंद्र नाथ पांडे, कलराज मिश्र और बंडारु दत्तात्रेय शामिल हैं। 

बताया जा रहा है कि जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया है, उनमें से अधिकतर के कामकाज से पार्टी आलाकमान खुश नहीं था। वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सरकार के कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने और संगठन से तालमेल को देखते हुए मंत्रियों को हटाया जा रहा है। इसे कामकाज और जमीनी राजनीति के बीच संतुलन स्थापित करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।

इस्तीफा: राजीव प्रताप रूडी, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय

बिहार के सरण से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि उन्हें पार्टी संगठन में जगह दी जा सकती है। इस्तीफे के सिलसिले में रूडी अगस्त में दो बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मिले थे।

पहली बैठक में, एक अन्य शीर्ष भाजपा नेता ने भी भाग लिया था। इस बैठक में आने वाले वर्षों में राज्यो में होने वाले चुनावों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया था। प्रस्तुति का विशेष फोकस मुख्य रुप से त्रिपुरा और केरल था, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। दोनों राज्य भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य हैं, जहां वे वामपंथी सरकार को हटाकर सरकार बनाना चाहती हैं।

बीते मई में अमित शाह ने भाजपा की विस्तार योजनाओं में त्रिपुरा के महत्व को रेखांकित किया था। इस्तीफे के बाद माना जा रहा है कि रूडी को इन दोनों राज्यों के प्रभारी बन सकते हैं। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, "यह मेरा फैसला नहीं है। यह पार्टी का फैसला है और मैं इसका पालन करुंगा।"

इस्तीफा: संजीव कुमार बालियान, जल संसाधन राज्य मंत्री , गंगा सफाई परियोजना

नमामि गंगे परियोजना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम परियोजना थी। लेकिन बालियान और उनकी बॉस उमा भारती ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे इसमें कोई प्रगति हुई हो। इसे उमा भारती की विफलता के रुप में देखा जा रहा है। एनजीटी भी कई बार मंत्रालय के कामकाज पर उंगली उठा चुका है।

बता दें कि गंगा की सफाई के लिए बनाई गयी नमामि गंगे परियोजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अप्रैल में कहा था, "मार्च 2017 तक 7304.64 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्राधिकरण गंगा की स्थिति और गुणवत्ता के मामले में कोई सुधार नहीं कर पाए है, इतने साल बीतने के बावजूद गंगा के प्रदूषण के स्तर में कोई फर्क नहीं आया है। यह एक गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा है।"

बाढ़ की रोकथाम के प्रयासों को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) जल संसाधन मंत्रालय को कई बार फटकार लगा चुका है। कैग ने मंत्रालय की बाढ़ को लेकर किए गए प्रयासों पर भी एक रिपोर्ट दी थी। कैग ने इस रिपोर्ट में देश के पूर्वोत्तर सहित विभिन्न हिस्सों में भीषण बाढ़ से मच रही तबाही के लिए बाढ़ की पूर्वानुमान प्रणालियों में गंभीर खामियों की ओर इशारा किया था। रिपोर्ट के अनुसार इन खामियों में चेतावनी तथा खतरा स्तर का गलत निर्धारण, बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशनों की अपर्याप्त संख्या, हस्तचालित जल स्तर मापक तथा टैलीमेट्री बबलर द्वारा गलत आंकड़े देना जैसी बातें शामिल हैं।

इस्तीफा: महेंद्र नाथ पांडे, मानव संसाधन विकास (एचआरडी) राज्य मंत्री

केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्हें उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। महेंद्र नाथ को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की जगह लाया गया हैं। वह 2014 में पूर्वी लोकसभा क्षेत्र के चांदौली सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। साल 2016 में उन्हें मानव संसाधन विकास (एचआरडी) राज्य मंत्री बनाया गया।

इस्तीफा: कलराज मिश्र, लघु और सूक्ष्म उद्योग मंत्री

कलराज मिश्र 75 साल पार कर चुके हैं। ऐसे में पार्टी की सोच के मुताबिक उन्होंने पद छोड़ा है। अपने इस्तीफे पर मिश्र ने साफ किया कि उन्होंने अधिक उम्र होने की वजह से मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि कलराज मिश्र किसी राज्य का राज्यपाल नियु्क्त किए जाने की संभावना है।

तीन बार 1978, 2001 और 2006 में राज्यसभा के लिए चुने गये गये हैं। उन्होंने पार्टी में राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के कई पदों पर काम किया। वर्ष 2012 में उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा। वर्ष 2014 में वे देवरिया से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।

 

 

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