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कभी साम्‍प्रदायिक भाषा नहीं बोलूंगा: नरेंद्र मोदी

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर शब-ए-बारात की शुभकामनाएं दी। बातचीत में मोदी ने कहा कि रोजगार और विकास सभी समस्याओं का समाधान है और देश के विकास पर ही अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
कभी साम्‍प्रदायिक भाषा नहीं बोलूंगा: नरेंद्र मोदी

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अल्‍पसंख्‍यक और बहुसंख्‍यक की राजनीति ने देश का पहले ही बहुत नुकसान किया है। वह एेसी राजनीति में यकीन नहीं रखते जो लोगों को साम्प्रदायिक आधार पर बांटती है और न ही वह कभी साम्प्रदायिक भाषा बोलेंगे। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने 30 सदस्‍य मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर शब-ए-बारात की शुभकामनाएं दी। बातचीत में मोदी ने कहा कि रोजगार और विकास सभी समस्याओं का समाधान है और देश के विकास पर ही वह अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। इस मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल में मुस्लिम उलेमाओं के अलावा कई पेशेवर लोग भी शामिल थे। इस मौके पर अल्‍पसंख्‍यक मामलों के राज्‍यमंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी भी मौजूद थे। 

 

प्रधानमंत्री ने मुस्लिम नेताओं से अपील करते हुए कहा कि उनका मूल्‍यांकन उनके काम के आधार पर करें न कि उनके विरोधियों की बातों के आधार पर। अल्‍पसंख्‍यकों पर हमलों को लेकर आलोचना से घिरी केंद्र सरकार की छवि सुधारने के लिए प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि सरकार सभी 125 करोड़ भारतीयों के सुरक्षा और सामाजिक व आर्थिक उत्‍थान के लिए प्रतिबद्ध है। मुलाकात के दौरान मुस्लिम प्रतिनिधियों ने सरकारी योजनाओं को फायदा समुदाय तक नहीं पहुंचने का मुद्दा भी उठाया। इस पर मोदी ने कहा कि सरकार इस समस्‍या से वाकिफ है और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल के सदस्‍यों ने कहा कि मुस्लिम समुदाय वोट बैंक की राजनीति को नकार चुका है और अब सिर्फ विकास चाहता है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने प्रधानमंत्री मोदी के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्‍यूटर के विजन की भी सराहना की। 

 

अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इल्यासी की अगुवाई में प्रधानमंत्री से मिलने आए इस प्रनिधिमंडल में ह्रदय रोग विशेषज्ञ और पूर्व राष्‍ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के पुत्र डॉ. परवेज अहमद, जाकिर हुसैन कॉलेज के प्रिंसिपल असलम परवेज अहमद, जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया के प्रो. काजी उबैद-उर-रहमान, शिया-आलीम-ए-दीन के मौलाना कल्‍बे रशिद और तबलीग-ए-जमात के मौलाना जाकिर हुसैन शामिल थे। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की कौशल विकास योजनाओं और गुजरात में मुख्‍यमंत्री रहने के दौरान बालिका शिक्षा और पतंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी। 

 

 

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