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पेगासस से राहुल गांधी की जासूसी पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ किया खिलवाड़

इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, पत्रकारों...
पेगासस से राहुल गांधी की जासूसी पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ किया खिलवाड़

इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, पत्रकारों आदि की जासूसी की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने राहुल गांधी समेत अपने खुद मंत्रिमंडल में बैठे मंत्रियों की फोन टैपिंग करवाई है। उन्होंने नागरिकों के मौलिक अधिकारों को दबाने का केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्रकारों से कहा, ' मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए।’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी और अपने मंत्रियों की जासूसी की गई है। हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है। पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और कई मीडिया समूहों की भी जासूसी कराई गई। क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा? भाजपा अब 'भारतीय जासूस पार्टी' बन गई है।'

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि  पीएम मोदी का कहना है कि वह डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देते हैं लेकिन आज हम देख रहे हैं कि यह सर्विलांस इंडिया है। NSO कह रहा है कि उसके उत्पादों का उपयोग सरकार द्वारा विशेष रूप से अपराध और आतंक से लड़ने के लिए किया जाता है। लेकिन वे मोदी के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल कर रहे हैं।

संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अगर सरकार ने इसे अधिकृत नहीं किया, तो किसने किया? पेगासस निर्माता एनएसओ ग्रुप का कहना है कि वे इसे केवल सरकारों को बेचते हैं, और सॉफ्टवेयर के लिए इसकी लागत लगभग 7 मिलियन अमरीकी डालर है। जाहिर है इस तरह का पैसा सिर्फ सरकारें ही खर्च कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि आईटी मंत्री ने संसद में घोषणा की है कि कोई अनधिकृत निगरानी नहीं हुई है। यह सवाल उठाता है - क्या अधिकृत निगरानी थी और यदि हां, तो इसे किस आधार पर अधिकृत किया गया था।

सुरजेवाला ने पूछा,, 'मोदी जी, आप राहुल गांधी जी की फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे? आप मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे। अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे?' कांग्रेस नेता ने  दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई।

कांग्रेस प्रवक्ता आरोप लगाया कि आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो बयान दिया वो झूठ था। उन्होंने कहा, 'मंत्री जी, आपने राज्यसभा में कांग्रेस के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर शायद पुराने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का जवाब पढ लेते को इतना झूठ नहीं बोलते। उस समय के मंत्री ने कहा था कि नवंबर, 2019 में इजरायली कंपनी एनएसओ को नोटिस दिया गया।' उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि खुद मोदी सरकार संविधान पर हमला बोल रखा हो, कानून के शासन पर हमला बोल रखा हो, मौलिक अधिकारों पर हमला बोल रखा हो और संविधान की जो शपथ ली थी सरकार ने उस शपथ को भी दबाकर उस पर हमला बोल रखा हो।

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