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एससी-एसटी और अल्‍पसंख्‍यकों की सुरक्षा में मोदी रहे नाकाम : सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कश्‍मीर तथा गुजरात की हिंसा सहित मजदूरों की हालत और बढ़ती बेरोजगारी पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। बुधवार को संसद की कार्यवाही से पहले कांग्रेस संसदीय बोर्ड की बैठक में उन्‍होंने कश्‍मीर की हिंसा और गुजरात में दलितो की पिटाई के मुद्दे पर पीएम मोदी की आलोचना की। उन्‍होंने कहा कि सरकार एससी-एसटी और अल्‍पसंख्‍यकों की सुरक्षा में पूरी तरह नाकाम रही है।
एससी-एसटी और अल्‍पसंख्‍यकों की सुरक्षा में मोदी रहे नाकाम : सोनिया

सोनिया ने अपने सांसदों से कहा कि पीएम मोदी को अपना भ्रष्टाचार नहीं दिख रहा है। भाजपा सस्ती मार्केटिंग पर उतर गई है। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस इन मामलों को संसद में जोरदार ढंग से उठाएगी। उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि सरकार कश्मीर मामले को नहीं संभाल पा रही है। मोदी सरकार ने आदिवासियों, दलितों और वनवासियों के अधिकारी छीन लिए हैं। यह अधिकार उन्हें फॉरेस्ट एक्ट 2006 के अंतर्गत दिए गए थे।

उन्होंने कहा कि एससी/एसटी और अल्पसंख्यकों पर सरकार अत्याचार कर रही है। एससी-एसटी और अल्‍पसंख्‍यकों की सुरक्षा में मोदी सरकार नाकाम रही है। सोनिया ने गुजरात के ऊना कांड का हवाले देते हुए कहा कि यह सामाजिक आतंक का एक उदाहरण भर है।

शुरुआत में उन्होंने जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि मोदी गणतांत्रिक लोकतान्त्रिक दुहाई देते हैं लेकिन उनकी सरकार उत्तराखंड और अरुणाचल में खेल करने में लगी है। सोनिया ने अपने सांसदों से कहा कि वह कश्मीर हिंसा, मजदूरों की हालत, बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दों को संसद के मौजूदा सत्र में जोर-शोर से उठाएं। सोनिया गांधी ने कहा कि हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई कथित गड़बड़ियों पर भी सदन में सवाल उठाए जाएंं। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संस्थानों को अस्थिर कर रही है, समाज का धु्रवीकरण कर रही है और लोगों पर अपनी संकुचित मानसिकता थोपने के लिए अपने संसदीय बहुमत का गलत इस्तेमाल कर रही है।

गुजरात की घटना पर अफसोस जताते हुए सोनिया ने कहा, बीते कुछ महीनों में हमने देखा है कि संस्थानों को अस्थिर करने और समाज का धु्रवीकरण करने की मोदी सरकार की योजना किस तरह संवैधानिक मूल्यों को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने आगे कहा, मोदी सरकार हमारे लोगों पर अपनी मानसिकता थोपने के लिए अपने संसदीय बहुमत का गलत इस्तेमाल कर रही है। एेसा लगता है कि सरकार यह भूल गई है कि संसदीय बहुमत कभी भी संविधानवाद और इसके आदर्शों का पालन करने से रोकने की वजह नहीं बन सकता है।

गांधी ने कश्मीर घाटी के हालात का जिक्र भी किया जहां हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद बीते 11 दिन से चिंताजनक हालात बने हुए हैं। यहां हुई झड़पों में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सोनिया गांधी ने कहा, घाटी में हाल में हुई घटनाएं दुखदायी हैं। इन्होंने देश के सामने गंभीर खतरा पेश किया है। राष्‍ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं हो सकता। आतंकवादियों के साथ कड़ाई से निबटना होगा। लेकिन हमें खुद से यह तो पूछना ही होगा कि एेसी क्या बात है कि युवा इस हद तक हिंसा पर उतारू हो गए हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्राी की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, मोदी सरकार की विदेश नीति और प्रधानमंत्री के लगातार होते विदेश दौरे, दुनियाभर के नेताओं से उनके दोस्ताना संबंध, जन्मदिन पर तात्कालिक फोन काॅलों के बीच कोई संबंध नजर नहीं आता। पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की विदेश नीति एक सीमा से दूसरी सीमा के बीच झूलती रहती है। एेसा लगता है कि हमारी सरकार सुरक्षा और प्रतिरक्षा के मसले पर देश का रूख लगातार बदल रही है और उन नीतियों से पूरी तरह से अलग हो रही है जो वक्त के साथ सही साबित हुई है।

सरकार को अच्छा विक्रेता बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हमारे सामने एक एेसी सरकार है जो मार्केटिंग, दिखावटी कार्यक्रमों, रिपैकेजिंग, दिखावट और बढ़ा-चढ़ाकर बताने में माहिर है। हम भले ही संख्या में कम हों लेकिन हम अपने काम से पहचान बनाएेंगे और संसद के जरिए जवाबदेही की मांग करते रहेंगे। भाषा एजेंसी 

 

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