कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान को लेकर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है। इस बीच कांग्रेस ने एक लेटर जारी कर इस बयान से किनारा कर लिया है। कांग्रेस ने कहा कि वे किसी भी दंगे या सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ हैं और इसको स्वीकार नहीं करते हैं। साथ ही पित्रोदा के बयान से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस ने अपने नेताओं से संवेदनशील और संभलकर बयान देने की अपील की है।
कांग्रेस ने कहा कि उनका मानना है कि 1984 के सिख दंगों की ही तरह 2002 के गोधरा दंगों के पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए। किसी भी जाति, धर्म या पंथ के खिलाफ किए गए नरसंहार का कांग्रेस समर्थन नहीं करती है।
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पित्रोदा के बयान पर कहा, ‘‘मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं इसे स्वीकार नहीं करता। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि पता लगाए कि आखिर यह हुआ कैसे? कौन लोग इसके जिम्मेदार थे? यह पता लगाया जाना चाहिए। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने साल बीत गए हैं।’’
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस पर सिख दंगे को लेकर निशाना साधने के बाद सैम पित्रोदा ने पीएम मोदी की आलोचना की। इस दौरान एक प्रश्न के उत्तर में पीएम पर टिप्पणी करते हुए पित्रोदा ने कहा, “अब क्या है 84 का? आपने क्या किया पांच साल में उसकी बात करिए। 84 में हुआ तो हुआ, आपने क्या किया।
भाजपा पर निशाना
भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने टिकट दे दिया, लेकिन हमने 1984 दंगों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की।
पित्रोदा ने भी दी सफाई
सैम पित्रोदा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है। पित्रोदा ने ट्वीट कर कहा, 'सत्य को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, सोशल मीडिया के जरिए झूठ को फैलाया जा रहा है और लक्षित लोगों को व्यवस्थित ढंग से डराया जा रहा है। हालांकि, सत्य की हरदम जीत होगी और झूठ का पर्दाफाश होगा। यह बस समय की बात है, धीरज रखिए।'
पित्रोदा ने ट्वीट किया कि उस समय सिख भाइयों और बहनों को हुए दर्द को अनुभव कर सकता हूं। भाजपा मेरे इंटरव्यू के तीन शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। वे हमें बांटना और अपनी नाकामियों को छिपाना चाहते हैं।
भाजपा हमलावर
पित्रोदा के बयान के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पित्रोदा के बयान को ट्वीट किया और कांग्रेस से सवाल किया। वहीं, केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पित्रोदा की टिप्पणियों को "हैरान" करने वाला बताया। जावड़ेकर ने कहा, "पित्रोदा कहा कि 1984 में नरसंहार हुआ। तो क्या? देश को यह पूरी तरह से नामंजूर है और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।" जावड़ेकर ने कहा, "पित्रोदा राजीव गांधी के साथी और राहुल गांधी के गुरू हैं, यदि गुरू ऐसा है तो 'चेला' कैसा होगा?"
इस पर शिरोमणि अकाली दल ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी ही। भाजपा और अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को अमृतसर में पित्रोदा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी किया और उनसे माफी की मांग की।