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कांग्रेस ने चुनाव नतीजों के बाद की परिस्थिति के लिए कमर कसी, चार राज्यों के लिए नियुक्त किए पर्यवेक्षक

कांग्रेस ने मंगलवार को उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में खंडित जनादेश की सभावित परिस्थिति के...
कांग्रेस ने चुनाव नतीजों के बाद की परिस्थिति के लिए कमर कसी, चार राज्यों के लिए नियुक्त किए पर्यवेक्षक

कांग्रेस ने मंगलवार को उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में खंडित जनादेश की सभावित परिस्थिति के प्रबंधन के लिए वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है ताकि नवनिर्वाचित विधायकों को एकजुट रखा जा सके। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों के मुताबिक, अजय माकन और पवन खेड़ा को पंजाब, दीपेंद्र सिंह हुड्डा को उत्तराखंड, मुकुल वासनिक, टीएस सिंह देव और विंसेट पाला को मणिपुर और डीके शिवकुमार को गोवा के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उत्तराखंड में विधायकों को एकजुट रखने में अपनी भूमिका निभाएंगे।

माकन जहां बुधवार को रवाना होंगे, वहीं खेड़ा पहले ही चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं।नराज्यसभा सदस्य दीपिंदर सिंह हुड्डा भी देहरादून के लिए रवाना हो गए हैं, क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में विधायकों के प्रबंधन के लिए वहां पहुंचने के लिए कहा था। 10 मार्च को नतीजे आने के बाद हुड्डा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ तौर-तरीकों पर काम करेंगे। हुड्डा उत्तराखंड पहुंच चुके हैं। विभिन्न चुनावी राज्यों में पार्टी के प्रभारी और पर्यवेक्षक भी परिणाम से पहले राज्य मुख्यालय में रहेंगे।

इस कदम का मकसद गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में कांग्रेस को एकजुट रखना है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पार्टी इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। हमारी कोशिश है कि किसी भी परिस्थिति के लिए हम तैयार रहें।’’ विशेष पर्यवेक्षकों की नियुक्ति उन राज्यों में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है जहां किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है। उत्तराखंड के लिए पर्यवेक्षक बनाए राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में आज देहरादून में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की और नतीजों के बाद की स्थिति को लेकर चर्चा की।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी में अपने नवनिर्वाचित विधायकों को कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की भी योजना है। माना जाता है कि पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी रेगिस्तानी राज्य में अपने विधायकों के लिए जगह की व्यवस्था देखी है, अगर उन्हें वहां स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है। सूत्रों ने कहा कि विधायकों को "सुरक्षित स्थानों" पर रखा जाएगा ताकि "दूसरों द्वारा उन्हें शिकार करने के संभावित प्रयास" से बचाया जा सके।

कांग्रेस इस बार कोई चांस नहीं ले रही है जैसा कि पिछले गोवा चुनावों के दौरान किया गया था जब सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद वह वहां अपनी सरकार बनाने में विफल रही थी। एग्जिट पोल ने उत्तराखंड और गोवा में कड़ी दौड़ की भविष्यवाणी की है, जबकि उनमें से ज्यादातर ने पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत का अनुमान लगाया है।

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