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बिटक्वॉइन घोटाला: कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की, भाजपा पर लगाए आरोप

कांग्रेस ने गुजरात में नोटबंदी के दौरान बिटक्वॉइन के जरिए कालेधन को सफेद में तब्दील करने का आरोप...
बिटक्वॉइन घोटाला: कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की, भाजपा पर लगाए आरोप

कांग्रेस ने गुजरात में नोटबंदी के दौरान बिटक्वॉइन के जरिए कालेधन को सफेद में तब्दील करने का आरोप लगाते हुए इसे बड़ा घोटाला बताया है और मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा, ‘नोटबंदी आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी लेकिन भाजपा के नेताओं के लिये बहुत बड़ा ‘जैकपॉट’ निकला।‘कांग्रेस ने मांग की है कि गुजरात में बिटक्वॉइन घोटाले की जुडिशियल जांच कराई जाए।

कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नोटबंदी के बाद सूरत में पुराने नोट से बिटक्वॉइन जेनरेट हुआ। बिटक्वॉइन करेंसी से दो लोगों के बीच में सीधा लेन-देन होता है और तीसरे को पता भी नहीं चलता। यह कोई बैंक नहीं है। इसे कोई पकड़ भी नहीं सकता। सीआईडी क्राईम, गुजरात की मानें तो भारतीय रुपये की तुलना में एक बिटक्वॉइन की वैल्यू आज 5 लाख रुपया है। सूरत में नोटबंदी के बाद 15 सौ करोड़ फिर पांच हजार करोड़ और एक अखबार ने 88 हजार रुपये बिटक्वॉइन में तब्दील होने की बात कही है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सूरत के शैलेश बाबूलाल भट को सीबीआई के इंस्पेक्टर ने बिटक्वॉइन के मामले में बुलाया। भट्ट सीबीआई को पांच करोड़ रुपये देने की बात करता है। फिर अमरेली पुलिस ने बिटक्वॉइन करेंसी की वसूली की। शैलेश जब इसकी शिकायत करता है तो सीआईडी खुद शिकायतकर्ता बन जाती है। फिर एफआईआर दर्ज होती है। जांच से पता चलता है कि इसमें आईपीएस भी शामिल हैं और इसमें मास्टर माइंड भाजपा नेता नलिन कोटरिया है और अब शैलेश तथा नलिन कोटरिया गायब हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस पूरे बिटक्वॉइन घोटाले की पारदर्शी जांच करायी जाए। आखिर पीएम किसको बचा रहे हैं और क्या छुपाया जा रहा है? पीएम बताएं कि एफआईआर में शैलेश को जांच एजेंसी ने शिकायतकर्ता क्यों नहीं बनाया? इस पूरे मामले की जांच अदालत की निगरानी में हो, तभी इसमें कुछ हासिल होगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में तो सरकार, ईडी, आयकर विभाग छापे मार सकती है लेकिन जहां बड़े अखबार कह रहे हैं 88 हजार करोड़ और सीआईडी क्राईम पांच हजार करोड़ का हेरफेर बता रही है, वहां कोई छापे मारने नहीं गई और सीआईडी खुद शिकायतकर्ता कैसे बन गई।

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