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जेल से बाहर आए आकाश विजयवर्गीय के बोल- दोबारा न मिले बल्लेबाजी का मौका

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार की सुबह जेल...
जेल से बाहर आए आकाश विजयवर्गीय के बोल- दोबारा न मिले बल्लेबाजी का मौका

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार की सुबह जेल से बाहर आ गए। इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के बहुचर्चित मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने आकाश विजयवर्गीय को जमानत दे दी है। अब बाहर आने के बाद आकाश ने कहा, “मैंने जो कुछ भी किया उसे लेकर शर्मिंदा नहीं हूं। मैं भगवान से जरूर प्रार्थना करूंगा कि वह दोबारा मुझे 'बल्लेबाजी' करने का अवसर ना दे।”

बाहर आने के बाद आकाश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “जो मैंने किया, उसका मुझको कोई दुख नहीं है। हालांकि अब गांधी के रास्ते पर चलना है, लेकिन मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें।” उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुलिस के सामने घसीटा गया। ऐसे में नहीं लगता कि कुछ करने के लिए सोचना चाहिए।

इंदौर नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटने के आरोपी आकाश विजयवर्गीय को शनिवार को अदालत से जमानत मिली थी। शनिवार को जेल की कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से आकाश विजयवर्गीय जेल से बाहर नहीं आ सके थे।

समर्थकों ने की फायरिंग

आकाश विजयवर्गीय को जमानत की खबर मिलते ही इंदौर में उनके समर्थक उतावले हो गए। उनके समर्थक ढोल नगाड़ों के साथ सड़क पर उतर आए और आकाश विजयवर्गीय जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। इस दौरान एक शख्स हाथ में बंदूक लेकर हाथ में फायरिंग करता दिख रहा है। वीडियो में दिख रहा ये व्यक्ति बंदूक में कारतूस लोड करता दिख रहा है फिर बड़े खतरनाक अंदाज में गोली चलाता दिख रहा है, उसके सामने आकाश विजयर्गीय के समर्थक भाजपा का झंड़ा लेकर नाच गा रहे हैं।


क्या था मामला?

इंदौर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान आकाश ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था। कैमरे में कैद पिटाई कांड में गिरफ्तारी के बाद विजयवर्गीय को बुधवार को यहां एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके साथ ही, उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल भेज दिया था।

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