महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध को लेकर कांग्रेस चौतरफा घिर गई है। यह टिप्पणी कांग्रेस सेवादल की एक किताब में की गई है। इस टिप्पणी की वजह से कांग्रेस की नई सहयोगी शिवसेना और पुरानी प्रतिद्ंवद्वी भाजपा दोनों कांग्रेस पर हमलावर हो गई हैं।
सेवादल ने छापी है बुकलेट
शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि जो भी सावरकर के बारे में, उनकी देशभक्ति के बारे में ऐसी बात करता है उसके दिमाग में “गंदगी” भरी हुई है। जबकि भाजपा का कहना है कि पुस्तक में हिंदुत्व विचारधारा के पुरोधा के बारे में इस तरह की सामग्री छापने के लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। बुकलेट हिंदी में छपी है और इसे मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल इकाई से जुड़े किसी व्यक्ति ने छापा है। यह बुकलेट सेवादल के एक शिविर में बांटी गई जिसमें दावा किया गया है कि वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे समलैंगिक थे।
सावरकर मुद्दे पर भाजपा-शिवसेना साथ
भाजपा महासचिव अनिल जैन ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, “दुनिया कांग्रेस नेताओं के विभिन्न रिश्तों को जानती है” लेकिन वह इस तरह का हंगामा नहीं करना चाहते हैं। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने भी कांग्रेस से माफी की मांग की है। पाटील ने कहा कि इस किताब में झूठी और विकृत जानकारी है।
‘वीर सावरकर कितने वीर?’ शीर्षक से छपी बुकलेट पर जवाब देते हुए शिवसेना के संजय राउत ने कहा, “वीर सावरकर महान व्यक्ति थे और महान रहेंगे। एक तबका उनके खिलाफ बात करता रहता है। यह उनके दिमाग की गंदगी दिखाता है।” बुकलेट में यह भी दावा किया गया है कि वीर सावरकर अंडमान जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश सरकार से पैसे लेते थे।
राउत ने कहा, “सावरकर को गांधी हत्या मामले में अदालत ने बरी कर दिया था। इसके बावजूद, कांग्रेस से जुड़े संगठन उन्हें और मामले के आरोपियों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।”