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शाह से पासवान की मुलाकात के बाद आज दिल्ली आएंगे नीतीश, क्या एनडीए की सीटें होंगी फाइनल?

बिहार में सीट बंटवारे पर एनडीए की गाड़ी अटकी हुई नजर आ रही है। रामविलास पासवान और अमित शाह के बीच को...
शाह से पासवान की मुलाकात के बाद आज दिल्ली आएंगे नीतीश, क्या एनडीए की सीटें होंगी फाइनल?

बिहार में सीट बंटवारे पर एनडीए की गाड़ी अटकी हुई नजर आ रही है। रामविलास पासवान और अमित शाह के बीच को गुरुवार को  मुलाकात हुई, लेकिन माना जा रहा है कि अभी सीट बंटवारे को लेकर कोई फार्मूला तय नहीं हो सका है। इस बीच शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार देर शाम दिल्ली पहुंचेंगे। जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार भी अमित शाह और अरुण जेटली से मुलाकात कर सीट शेयरिंग पर फाइनल बातचीत कर सकते हैं।

बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने एनडीए पर अपनी नाराजगी जताई। एलजेपी ने मंगलवार को कहा कि तेलुगु देशम पार्टी व आरएलएसपी के एनडीए से अलग हो जाने के बाद यह गठबंधन नाजुक मोड़ से गुजर रहा है, ऐसे समय में भाजपा को चा‌हिए ‌कि वह गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मानजनक तरीके से दूर करे।

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अध्यक्षता वाली आरएलएसपी के पिछले दिनों एनडीए से बाहर निकलने के बाद बिहार में भाजपा नेतृत्व वाले इस गठबंधन में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और एलजेपी बची हैं।

एलजेपी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा ‘टीडीपी व आरएलएसपी के एनडीए गठबंधन से जाने के बाद यह नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मानजनक तरीके से दूर करें।’ चिराग ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भाजपा के नेताओं से मुलाकात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई है। इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है।

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा, एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी मिलकर चुनाव लड़े थे। एलजेपी कुल सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी और छह पर उसे जीत मिली थी। वहीं, आरएलएसपी तीन पर चुनाव लड़ी थी और सभी सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इस बार सीटों के बंटवारे पर नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है। अब एलजेपी भी अगर एनडीए का साथ छोड़ती है तो भाजपा की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।

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