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सीपीएम मुख्यालय पर युवकों के एक समूह ने किया हमला

युवाओं के एक समूह ने राजधानी दिल्ली में स्थित माकपा के मुख्यालय में हमला करने की कोशिश की। पुलिस ने हमला करने वालों में से एक को हिरासत में ले लिया है। माकपा सूत्रों ने कहा कि युवकों ने पत्थर फेंके और माकपा देश छोड़ो जैसे नारे लगाए।
सीपीएम मुख्यालय पर युवकों के एक समूह ने किया हमला

संसद हमले के दोषी अजफल गुरू को फांसी के खिलाफ जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम के बाद उपजे विवाद की पृष्ठभूमि में रविवार को मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के मुख्यालय पर कुछ लोगों ने हमला किया। हालांकि पुलिस ने हमला करने वालों में से एक युवक को हिपासत में ले लिया है। माकपा ने कहा है कि हमलावर आरएसएस-भाजपा के कार्यकर्ता थे जिन्होंने पत्थर भी फेंके, जबकि पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए युवक ने दावा किया है कि वह आम आदमी सेना नामक संगठन का सदस्य है। नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त जतिन नरवाल ने कहा कि तीन युवक माकपा के दफ्तर आए और उन्होंने भवन की दीवारों पर काली स्याही फेंकी। उनमें से दो भागने में कायमाब रहेजबकि एक को माकपा कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा कि युवक की पहचान सुशांत खोसला के तौर पर हुई है। उसने पुलिस से कहा है कि वह आम आदमी सेना का सदस्य है। हमने मामले के बाबत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच की जा रही है।

 

हमले की पुष्टि करते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि उन्होंने हमारे कार्यालय बोर्ड पर पाकिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे लिखने की कोशिश की। उनको हमारे कार्यकर्ताओं ने खदेड़ा और उनमें से एक को पकड़ लिया, जिसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। उन्होंने कहा, हम इस हमले की निंदा करते हैं। महात्मा गांधी के हत्यारे की पूजा करने वाली आरएसएस सबसे ज्यादा धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक बल माकपा की अब राष्ट्र विरोधी के तौर पर ब्रांडिंग कर रही है। येचुरी ने कहा कि देश में सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को लेकर जो अव्यवस्था वे लेकर आए हैं, उससे ध्यान हटाने के लिए आरएसएस ऐसा कर रही है। वह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए लोगों का ध्यान हटाना चाहते हैं। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने माकपा के दफ्तर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि संघ परिवार हमारी लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था और हमारी राजनीति की संवैधानिक व्यवस्था को नष्ट नहीं कर सकती है। राजा ने कहा कि अगर वे कुछ बहस करना चाहते हैं तो बहस करें, लेकिन उन्हें ऐसे कायराना और असभ्य हमले नहीं करने चाहिए।

 

 

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