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मुंबई नॉर्थ सीट पर क्या गोविंदा जैसा रोल निभा पाएंगी उर्मिला मातोंडकर

लोकसभा चुनावों के चौथे चरण में सोमवार को नौ राज्यों की 72 सीटों पर वोटिंग जारी है, जिसमें महाराष्ट्र की...
मुंबई नॉर्थ सीट पर क्या गोविंदा जैसा रोल निभा पाएंगी उर्मिला मातोंडकर

लोकसभा चुनावों के चौथे चरण में सोमवार को नौ राज्यों की 72 सीटों पर वोटिंग जारी है, जिसमें महाराष्ट्र की भी 17 सीटें शामिल हैं। महाराष्ट्र की इन सीटों में मुंबई की सभी 6 सीटें भी हैं, जहां से कई दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें बॉलीवुड सितारे भी हैं। इस बार सबसे बड़ा चेहरा अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर हैं, जो मुंबई नॉर्थ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। यह वही सीट है, जहां से अभिनेता गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता राम नाइक को शिकस्त देते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर क्या अभिनेता गोविंदा का इतिहास दोहरा पाएंगी? क्या उर्मिला अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के शाइनिंग इंडिया नारे के बीच बीजेपी को पराजित करने वाला गोविंदा जैसा कारनामा दोहरा पाएंगी? ऐसा करने के लिए उर्मिला को बीजेपी प्रत्याशी और सिटिंग सांसद गोपाल शेट्टी को पराजित करना होगा।

इतना आसान नहीं है उर्मिला के लिए ये सीट जीतना

वहीं, आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो उर्मिला के लिए यह इतना आसान नहीं माना जा रहा है क्योंकि 2014 में बीजेपी के गोपाल शेट्टी ने कांग्रेस के बड़े चेहरे संजय निरुपम को बुरी तरह से हराया था। गोपाल शेट्टी को 6,64,004 वोट मिले थे, जबकि तत्कालीन सांसद होते हुए भी संजय निरुपम महज 2,17,422 वोट हासिल कर पाए थे। लेकिन 2004 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो उस समय स्टारडम के सामने राजनीतिक वरिष्ठता फीकी पड़ गई थी।

गोविंदा ने तकरीबन 40 हजार वोटों से राम नाईक के विजय रथ को रोका था

बीजेपी का गढ़ कही जाने वाली नॉर्थ मुंबई की सीट पर 2004 में एक तरफ जहां बीजेपी के दमदार नेता राम नाइक थे तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवार अभिनेता गोविंदा थे। उस समय राजनेता के कामों पर एक अभिनेता की लोकप्रियता भारी पड़ गई थी। कई बार सांसद रहे राम नाइक तत्कालीन वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे लेकिन गोविंदा का जादू ऐसा चला कि राम नाइक का कद उनके सामने छोटा पड़ गया। 

गोविंदा ने तकरीबन 40 हजार वोटों से राम नाइक के विजय रथ को रोककर इतिहास रचा था। इस तरह गोविंदा की यह जीत पूरे देश में सुर्खियों की वजह बनी। हालांकि बतौर सांसद गोविंदा का कार्यकाल बेहद चुनौती भरा रहा और वह कार्यकाल के बीच में ही राजनीति से तौबा करके चले गए थे। खास बात है कि राजनीतिक सफर पर विराम के साथ ही गोविंदा के फिल्मी करियर पर भी विराम लग गया था। 

2004 के बाद एक बार फिर नेता के सामने अभिनेता

कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर एक बार फिर फिल्म जगत की शख्सियत को उतारने के बाद फिर वही स्थिति बनती दिख रही है। बस इस बार अंतर इतना है कि राम नाइक की जगह मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी हैं तो गोविंदा की जगह अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर हैं। अब देखना यह है कि मुंबई नॉर्थ की इस महत्वपूर्ण सीट पर अभिनेत्री उर्मिला क्या करती हैं।

गोविंदा से पहले इस बॉलीवुड सितारे की जीत ने बटोरी थी सुर्खियां

जब सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे बड़ी राजनीतिक चेहरे को परास्त किया था। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद अमिताभ ने यूपी की इलाहाबाद सीट से यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। अमिताभ के अलावा हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा, राजेश खन्ना, विनोद खन्ना, परेश रावल और किरण खेर जैसे बॉलीवुड सितारे भी लोकसभा चुनाव में बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में मात दे चुके हैं। लेकिन फिलहाल दिलचस्प लड़ाई मुंबई नॉर्थ सीट पर है।

अपने सामने उर्मिला को बड़ी चुनौती नहीं मान रहे शेट्टी

पिछली बार चार लाख 46 हजार के भारी अंतर से कांग्रेस के संजय निरुपम को हराने वाले बीजेपी के गोपाल शेट्टी अपने सामने उर्मिला मातोंडकर को कोई बड़ी चुनौती नहीं मान रहे, क्योंकि उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र में अब गोविंदा का विरार नहीं है और बचे हुए इलाकों में बीजेपी और शिवसेना के विधायकों और नगरसेवकों की संख्या पहले से कहीं ज्यादा है।

2004 से मिलती जुलती हैं मुंबई नॉर्थ सीट की मौजूदा परिस्थितियां

माना जा रहा है कि मुंबई नॉर्थ सीट की मौजूदा परिस्थितियां भी 2004 से मिलती जुलती हैं। केंद्र में वाजपेयी की जगह पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार है और उनकी सरकार के कामकाज का भी शाइनिंग इंडिया की तरह जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या मुंबई नॉर्थ सीट से गोविंदा जैसा कारनामा उर्मिला कर पाएंगी?

इस सीट का रहा है रोचक इतिहास

राजनीतिक सफर में इस सीट (नॉर्थ मुंबई) का बेहद रोचक इतिहास रहा है। आजादी के बाद 1952 में वामपंथी दल सीपीआई ने अमृत डांगे को इस सीट से जीत दिलाई थी। इसके बाद कई अन्य दलों ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया। लेकिन 1989 से लगातार तीन चुनावों में यहां से बीजेपी नेता राम नाइक का कब्जा रहा और वह लगातार 2004 तक यहां से बीजेपी सांसद रहे।

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